यदि आप नौकरी पेशा हैं आैर इनकम टैक्स के दायरे में हैं, तो जल्द ही उठायें ये कदम, नहीं तो…

नयी दिल्ली : क्या आप नौकरी-पेशा आदमी हैं? इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं? यदि हां, तो आपने अपने इनकम टैक्स से राहत पाने के उपायों पर गौर किया है? क्या आपने अपनी सैलरी से करने वाले निवेश से संबंधित दस्तावेज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा करा दिया है? नहीं कराया है, तो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2018 11:33 AM

नयी दिल्ली : क्या आप नौकरी-पेशा आदमी हैं? इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं? यदि हां, तो आपने अपने इनकम टैक्स से राहत पाने के उपायों पर गौर किया है? क्या आपने अपनी सैलरी से करने वाले निवेश से संबंधित दस्तावेज इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा करा दिया है? नहीं कराया है, तो जल्दी करें, नहीं तो आपको आपकी सैलरी मिलने में दिक्कत हो सकती है.

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आम तौर पर सरकार की नौकरी करने वालों को तो अक्सर इसकी जानकारी होती है आैर वो इनकम टैक्स से राहत पाने के दांव-पेंच की अच्छी तरह जानकारी भी रखते हैं, लेकिन प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने वाले युवा अक्सर इनकम टैक्स से राहत पाने के दांव-पेंच की जानकारी नहीं होती है. एेसे में उन्हें गच्चा भी खाना पड़ जाता है.

हालांकि, देश के ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों से दिसंबर के अंत से लेकर मार्च तक के बीच में सैलरी से होने वाले निवेश से संबंधित या फिर इनकम टैक्स से संबंधित दस्तावेज जमा करा लेती हैं, ताकि उनके कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. कुछ कर्मचारी जानकारी के अभाव में इनकम टैक्स आैर निवेश से संबंधित दस्तावेज नहीं जमा करा पाते हैं. इस वजह से वे अपनी सैलरी कटवा लेते हैं.

जानिये, आखिर क्यों जरूरी है दस्तावेज जमा कराना

मार्च से पहले कंपनियां अपने कर्मचारियों से पिछले महीनों में किये गये निवेश के सबूत के लिए दस्तावेज की काॅपी मांगती है, ताकि आपकी आेर से टैक्स बचाने के लिए किये गये निवेश की जांच की जा सके. आम तौर टैक्स ज्यादा या कम देने के झंझट से बचाने के लिए कंपनी आपसे यह दस्तावेज मांगती है.

कंपनियां क्यों काटती है हर महीने टैक्स

कंपनी हर महीने अपने कर्मचारी की सैलरी से टैक्स काटती है, लेकिन मार्च से पहले उसके आपकी आेर से किये गये निवेश को लेकर आपके द्वारा की गयी घोषणा से संबंधित दस्तावेज जमा कराना होता है, जिससे न तो आपको आैर न ही आपकी कर्मचारी को कोर्इ परेशानी होती है.

कौन-कौन से दस्तावेज जमा कराना जरूरी है

अगर आपने जीवन बीमा या फिर स्वास्थ्य बीमा करवा रखा है, तो उससे संबंधित दस्तावेज आपको आपकी कंपनी के पास जमा कराना होता है. यदि आपने अपनी पत्नी या फिर बच्चों का बीमा करवाया है या फिर बच्चों की पढ़ार्इ में निवेश करते हैं, तो उससे संबंधित दस्तावेज भी आपको जमा कराना होता है. इसके साथ ही, अगर आपने खुद का या अपने परिवार के किसी सदस्य का इलाज कराया है, तो उससे संबंधित दस्तावेज, दवार्इ खरीद की रसीद आदि देना होता है.

इन योजनाआें का भी मिलेगा लाभ

इतना ही नहीं, निवेश के रूप में आपने यदि राष्ट्रीय पेंशन योजना, राष्ट्रीय बचत योजना, म्यूचुअल फंड आैर पीपीएफ में निवेश किया हुआ है, तो उससे भी संबंधित दस्तावेज आपको इनकम टैक्स से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है.

मकान किराये की रसीद बड़े काम की चीज

इसके अतिरिक्त यदि आप किराये के मकान में रहते हैं, तो आप किराये की रसीद जमा कराने के बाद भी टैक्स से राहत पा सकते हैं. आम तौर पर महानगरों, शहरों आैर कस्बों में मकान के किराये में काफी अंतर होता है. यदि आप आठ हजार रुपये से अधिक किराये का भुगतान करते हैं, तो आप एचआरए भरकर टैक्स की बचत कर सकते हैं.

प्राॅपर्टी में निवेश से मिल सकती है राहत

अगर आपने इसी साल किसी प्राॅपर्टी को खरीदने में निवेश किया आैर इसके लिए आपने बैंक या फिर किसी एनबीएफसी कंपनी से कर्ज लिया है, तो फिर इससे संबंधित दस्तावेज जमा कराने के बाद टैक्स से छूट पा सकते हैं. अगर आपने अपने घर का पजेशन ले लिया है, तो इस पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है. इसके लिए रजिस्ट्री के लिए आपने स्टांप ड्यूटी के रूप में जो रकम चुकायी है, उससे संबंधित दस्तावेज जमा कराने पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है.

एजुकेशन लोन के रिपेमेंट पर भी मिलेगी छूट

यदि आपने बच्चों की पढ़ार्इ के लिए एजुकेशन लोन ले रखा आैर उसका रिपेमेंट करते हैं, तो आपको इस पर टैक्स से राहत मिल सकती है. इसके लिए आपको अपने बैंक से रिपेमेंट की रसीद लेकर अपनी कंपनी में उसकी काॅपी जमा करानी होगी. इसके साथ ही, बच्चों की स्कूल फीस के भुगतान पर भी आपको टैक्स से छूट मिलेगी.

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