छोटे भाई शिविंदर की याचिका पर मालविंदर को NCLT से लगा करारा झटका, जानिये क्यों…?

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गुरुवार को आरएचसी होल्डिंग्स में कुप्रबंधन के आरोप में शिविंदर सिंह की याचिका पर मालविंदर मोहन सिंह, रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी और अन्य को नोटिस जारी किये. एनसीएलटी ने कंपनी की शेयरधारिता और निदेशक मंडल के स्वरूप यथावत रखने का भी निर्देश दिया है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 6, 2018 5:41 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने गुरुवार को आरएचसी होल्डिंग्स में कुप्रबंधन के आरोप में शिविंदर सिंह की याचिका पर मालविंदर मोहन सिंह, रेलिगेयर के पूर्व प्रमुख सुनील गोधवानी और अन्य को नोटिस जारी किये. एनसीएलटी ने कंपनी की शेयरधारिता और निदेशक मंडल के स्वरूप यथावत रखने का भी निर्देश दिया है.

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न्यायाधिकरण ने मालविंदर के छोटे भाई शिविंदर सिंह और उसकी पत्नी अदिति सिंह के साथ याचिका में प्रतिवादी बनाये गये मालविंदर सिंह को आरएचसी होल्डिंग्स के दस्तावेजों की जांच करने तथा रिकॉर्ड की फोटोकॉपी लेने की अनुमति दे दी. एनसीएलटी अध्यक्ष न्यायाधीश एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ के समक्ष विचाराधीन इस याचिक में शिविंदर ने आरएचसी होल्डिंग्स में गड़बडी और कुप्रबंधन के आरोप लगाये हैं.

फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविंदर मोहन सिंह ने याचिका दायर कर अपने बड़े भाई मालविंदर को आरएचसी होल्डिंग्स के निदेशक मंडल से हटाने और कंपनी के निदेशक मंडल के फिर से पुनर्गठन की अनुमति देने का आग्रह किया गया है. न्यायाधिकरण ने मालविंदर मोहन सिंह तथा अन्य प्रतिवादियों को 10 दिन के भीतर अपना जवाब देने को कहा. साथ ही शिविन्दर सिंह को दो सप्ताह में जवाबी हलफनामा देने को कहा है. अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी.

शिविंदर ने अपनी याचिका में आरएचसी होल्डिंग्स के रिकॉर्ड के साथ अवैध रूप से गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इसमें उनकी (शिविंदर) पत्नी अदिति सिंह के फर्जी दस्तखत करना शामिल है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मालविंदर तथा गोधवानी ने एक-दूसरे के साथ साठगांठ कर कंपनी के हितों को नुकसान पहुंचाया.

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