राजनीतिक मुद्दों को सुलझाये भारत:एसोचैम

नयी दिल्ली:उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों को द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा व्यापार असंतुलन एवं घरेलू मूल्य से कम कीमत पर वस्तुओं का निर्यात (डंपिंग) जैसे रणनीतिक मुद्दों के समाधान करने की जरुरत है. भारत का चीन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2013 1:31 PM

नयी दिल्ली:उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा है कि चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग की अगले महीने भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों को द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने तथा व्यापार असंतुलन एवं घरेलू मूल्य से कम कीमत पर वस्तुओं का निर्यात (डंपिंग) जैसे रणनीतिक मुद्दों के समाधान करने की जरुरत है.

भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2012-13 में बढ़कर 43 अरब डालर हो जाने का अनुमान है जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 40 अरब डालर था. बढ़ता व्यापार घाटा चिंता का कारण है और चीन के उच्च नेतृत्व के साथ इसे उठाया जाना चाहिए. भारत कई जिंसों का निर्यात करता है. इसमें औषधि को चीन में भारत में व्यापार बाधाओं का सामना करना पड़ता है.

उद्योग मंडल ने कहा, ‘‘चीन के नये प्रधानमंत्री ली क्विंग की अगले महीने भारत यात्र को लेकर हमारा नजरिया सकारात्मक है. हमें विश्वास है कि दोनों देश सीमा समेत रणनीतिक मतभेदों को दूर करने में सक्षम होंगे.’’ एसोचैम ने कहा कि भारत में व्यापक व्यापार हित को ध्यान में रखते हुए चीन द्वारा सीमा मुद्दों को आक्रमक तरीके से आगे बढ़ाये जाने की संभावना है क्योंकि इससे व्यापार और व्यापार संबंधों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. उद्योग मंडल के अनुसार, ‘‘यह दोनों पड़ोसी देशों के हित में है कि वे अपने संबंधों में सुधार करे और वाणिज्यिक संबंधों को विस्तार देते हुए इसे मजबूत बनाये.’’

एसोचैम के अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 में चीन से आयात 57 अरब डालर रहने का अनुमान है वहीं भारत का निर्यात 14 अरब डालर से अधिक रहने की संभावना नहीं है. उद्योग मंडल ने कहा कि चीनी वस्तुओं का बड़े पैमाने डंपिंग से भारतीय कारोबारियों के हित प्रभावित हो रहे हैं.

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