Aadhaar पर 10,000 करोड़ खर्च कर सरकार ने बचा लिये 90,000 करोड़, जानें कैसे

हैदराबाद : आधार से जुड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली शुरू होने के बाद से सरकार को इस साल 31 मार्च तक 90,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है. भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी नेबुधवार को यह जानकारी दी. यूआईडीएआई के चेयरमैन जे सत्यनारायण ने यहां इंडिया स्कूल आॅफ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 11, 2018 9:58 PM

हैदराबाद : आधार से जुड़ी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली शुरू होने के बाद से सरकार को इस साल 31 मार्च तक 90,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है.

भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी नेबुधवार को यह जानकारी दी.

यूआईडीएआई के चेयरमैन जे सत्यनारायण ने यहां इंडिया स्कूल आॅफ बिजनेस (आईएसबी) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, हमने अभी तक आधार कार्ड और संबंधित प्रणालियों पर 10,000 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं किये हैं. लेकिन इससे बचत काफी अधिक हुई है.

इस साल 31 मार्च तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सहित अन्य योजनाओं के लिए आधार पहचान संख्या से जुड़़ी डीबीटी व्यवस्था अपना कर हम 90,012 करोड़ रुपये की बचत कर पाये हैं.

उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के लिए 121 करोड़ लोगों का नामांकन हो चुका है. इस पहचान प्रणाली का इस्तेमाल कर औसतन तीन करोड़ ई-लेनदेन किये जा रहे हैं.

सत्यनारायण ने कहा कि आधार प्रणाली में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, धोखाधड़ी पकड़ने के लिए मशीन ज्ञान और नामांकन तथा सुरक्षा पारिस्थितिकी प्रणाली में सुधार के लिए शोध करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि आधार आंकड़े पूरी तरह सुरक्षित हैं. इन्हें बेंगलुरु और मानेसर में करीब 7,000 सर्वरों में रखा गया है.

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