वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा, GST में चरणबद्ध तरीके से लाये जायेंगे पेट्रोलियम पदार्थ

नयी दिल्ली : वित्त सचिव हसमुख अधिया ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है. वहीं, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन एस रमेश ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 6, 2018 5:29 PM

नयी दिल्ली : वित्त सचिव हसमुख अधिया ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है. वहीं, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन एस रमेश ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग हैं और जीएसटी परिषद को इसकी रूपरेखा तैयार करनी होगी.

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राज्यों के पास वैट लगाने और कम करने का अधिकार

  • अभी डीजल, पेट्रोल, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. राज्यों के पास इनके ऊपर मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाने का अधिकार है.

पेट्रोलियम पदार्थ को जीएसटी के दायरे में लाने पर अधिया ने कही ये बात

  • वित्त सचिव अधिया ने माना कि यह हमारे सामने आयी मांगों में से है और हम इस पर विचार करेंगे. सब कुछ चरणबद्ध तरीके से होगा.
  • उन्होंने कहा कि हमने काफी कुछ किया है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मौजूदा प्रणाली में अब और सुधार की गुंजाइश नहीं है.
  • हमारा अब भी मानना है कि हमें सुधार की दिशा में काफी काम करने की जरूरत है और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं.

रिफंड में गड़बड़ी पर रिटर्न में गलतियों को बताया जिम्मेदार

  • रिफंड (कर वापसी) की स्वचालित व्यवस्था किये जाने के मुद्दे पर उन्होंने रिटर्न दाखिल करने में होने वाली गलतियों को जिम्मेदार बताया.
  • उन्होंने कहा कि ऐसा पहले ही दिन से होना था, लेकिन दुर्भाग्य से लोगों ने रिटर्न दाखिल करने में इतनी गलतियां की. इसके कारण कर विभाग को मजबूरन हाथ से काम निपटाने की व्यवस्था पर आना पड़ा.
  • अधिया ने कहा कि हम रिफंड के काम को इसे पूरी तरह स्वचालित बनाने की एक बार फिर से कोशिश कर रहे हैं. यह अगला कदम है.
  • उन्होंने कहा कि जहां तक दरों एवं श्रेणियों को आसान बनाने की बात है, हमें इसकी जरूरत समझ आती है, लेकिन हमने वही किया, जो उस समय सर्वश्रेष्ठ हो सकता था.
  • उन्होंने कहा कि हम इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि हमें राजस्व का ध्यान रखना था, हमें गरीबों की दिक्कतों का ध्यान रखना था. निश्चित तौर पर हमें इससे बेहतर की दिशा में आगे बढ़ना होगा.

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