”एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच को विफल करने का किया जा रहा प्रयास”

नयी दिल्ली : एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि हाई प्रोफाइल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में ‘निहित स्वार्थ ‘ रखने वाले लोग महत्वहीन आरोपों के जरिये उन्हें परेशान कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 21, 2018 10:21 PM

नयी दिल्ली : एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहा है कि हाई प्रोफाइल 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में ‘निहित स्वार्थ ‘ रखने वाले लोग महत्वहीन आरोपों के जरिये उन्हें परेशान कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने बुधवार को रजनीश कपूर के खिलाफ आपराधिक अवमानना याचिका दायर की. कपूर ने हाल ही में उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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शीर्ष अदालत ने कपूर की जनहित याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था, जिसमें ईडी अधिकारी के खिलाफ जांच की मांग की गयी है. कुछ साल पहले 2जी मामले में शीर्ष अदालत ने सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया था. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उनकी जांच ने अच्छी खासी संख्या में लोगों, कॉरपोरेट, लामबंदी करने वालों और भ्रष्ट और बेईमान लोगों को नाराज किया है. उन्होंने उनके खिलाफ बार-बार गलत, महत्वहीन और दुर्भावना से प्रेरित आरोप लगाये हैं.

उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दायर की गयी नयी जनहित याचिका और कुछ नहीं, बल्कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले और एयरसेल-मैक्सिस मामले में जांच पूरी करने में विलंब कराने का खुल्लम-खुल्ला प्रयास है. सिंह ने कहा है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप नये नहीं है, क्योंकि कोई नये साक्ष्य पेश नहीं किये गये हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में दायर जनहित याचिका में अनुचित आचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोप नये नहीं है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि इसी तरह के आरोप करीब सात साल पहले भी लगाये गये थे और प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीयय जांच ब्यूरो तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग ने जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दी थी. उन्होंने कहा है कि इसके बाद ही शीर्ष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच कर रहे सिंह तथा अन्य अधिकारियों के काम में कोई भी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा. न्यायालय ने इस पर अवमानना नोटिस भी जारी किया था.

सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत ने मार्च में अपने आदेश में कहा था कि एयरसेल-मैक्सिस मामले की जांच छह महीने के भीतर पूरी की जाये और यही उनके खिलाफ कदाचार के नये आरोपों की वजह है. निदेशालय ने हाल ही में एयरसेल-मैक्सिस प्रकरण में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और दो बार पी चिदंबरम से पूछताछ करके उनका बयान भी दर्ज किया है.

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