इन स्‍कीम में निवेश कर सेक्‍शन 80C के तहत बचा सकते हैं इनकम टैक्‍स!

नयी दिल्‍ली : सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी से मार्च तक का महीना टैक्‍स का महीना होता है. कर्मचारियों के वेतन से जनवरी माह से ही इनकम टैक्‍स कटना शुरू हो जाता है. वहीं कॉरपोरेट कर्मियों को टैक्‍स का भुगतान एकमुश्‍त करना होता है. जबकि कई प्राइवेट कंपनियों और व्‍यावसायी वर्ग के लोगों को भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2018 12:46 PM

नयी दिल्‍ली : सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी से मार्च तक का महीना टैक्‍स का महीना होता है. कर्मचारियों के वेतन से जनवरी माह से ही इनकम टैक्‍स कटना शुरू हो जाता है. वहीं कॉरपोरेट कर्मियों को टैक्‍स का भुगतान एकमुश्‍त करना होता है. जबकि कई प्राइवेट कंपनियों और व्‍यावसायी वर्ग के लोगों को भी अपनी इनकम के अनुसार टैक्‍स का भुगतान करना होता है.

ऐसे में टैक्‍स बचाने के लिए आप कई स्‍कीमों में निवेश कर सकते हैं. कुछ स्‍कीमों में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्‍स के सेक्‍शन 80 सी और 80 डी के तहत टैक्‍स में छूट मिलती है. म्‍यूचुअल फंड निवेश, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), लाइफ इंश्योरेंस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) आदि में निवेश कर सकते हैं.

इसके साथ ही साथ सुकन्‍या समृद्धि योजना में निवेश कर भी आप अपना टैक्‍स बचा सकते हैं. इस स्‍कीम में आपको 8.5 फीसदी ब्‍याज मिलता है. अपनी 10 साल तक की बेटी के नाम पर आप सुकन्‍या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. एक व्‍यक्ति अपनी दो बेटियों के नाम पर इसमें निवेश कर सकता है. इस स्‍कीम में 21 साल तक के लिए निवेश किया जा सकता है.

आपको बता दें कि 80C के तहत आप कुल इनकम में से सालाना 1.5 लाख तक छूट ले सकते हैं. अगर लिमिट इससे ज्यादा हो रही है तो आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश कर सकते हैं. होम लोन, हेल्थ प्लान, एजुकेशन लोन आदि पर टैक्‍स में छूट मिलती है. इसके साथ ही बच्‍चों का ट्यूशन फीस पर भी टैक्‍स में छूट मिलती है. इसके बाद भी आपकी इनकम का रकम टैक्‍स के दायरे में आती है तो आप कहीं और भी पैसा निवेश कर सकते हैं.


आइए जानते हैं निवेश के बारे में

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स में लाभ पाने का यह एक बेहद आसान तरीका है. यह एक प्रकार का डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड का प्रकार है जिसे इनकम टैक्स कानून के तहत टैक्स में छूट के लिए खरीदा जाता है. यह स्कीम तीन साल के लॉक इन पीरियड के साथ उपलब्ध है.

कर्मचारी प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) : आपकी सैलरी से प्रति माह प्रॉविडेंट फंड के लिए कटने वाला पैसा भी इनकम टैक्स नियम के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में छूट के दायरे में आता है. रिटायरमेंट के बाद भी इस पर कोई टैक्‍स नहीं लगता है.

पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) : यह एक स्मॉल सेविंग स्‍कीम है जिसमें आप कम से कम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. इस निवेश पर आपको 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. इसमें निवेश और मिलने वाला ब्याज पूरी से टैक्स फ्री होता है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) :
इस तरह के फिक्स्ड डिपॉजिट आम बैंक एफडी से कम ब्याज पर मिलता है. ऐसे डिपॉजिट में 5 साल का लॉक इन पीरियड रहता है. हालांकि इस एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाता है.

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूएलआईपी) : यह एक इंश्योरेंस प्लान है. इसमें निवेश से आपको ईक्विटी के साथ-साथ इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है. वहीं यह सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स में छूट के दायरे में आता है.

नैशनल पेमेंट सिस्टम (एनपीएस) : एनपीएस में आपका 1.50 लाख रुपये तक का निवेश टैक्‍स में छूट के दायरे में आता है. सेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत आप 50,000 रुपये का अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं. इस हिसाब से एनपीएस में कुल 2 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है.

सुकन्या समृद्धि स्कीम (एसएसएस) : इस स्कीम के तहत यदि आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बेटी के नाम पर निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स नियम के सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर आप छूट ले सकते हैं. इस स्कीम के तहत आप दो बेटियों के लिए खाता खुलवा सकते हैं.

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