#startupindia : बीटेक पास धीरज 20 फ्लेवर्स में बेच रहे हैं गन्ने का जूस, आप भी कर सकते हैं कुछ एेसा…!

।। राजीव चौबे ।। हरियाणा का कृषि प्रधान रोहतक जिला इस बार अपनी कृषि उपज को लेकर नहीं, बल्कि उसके प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग को लेकर चर्चे में है. इस चर्चा के केंद्र में हैं रोहतक के रहनेवाले उत्साही युवा उद्यमी धीरज गुप्ता. शुद्ध ताजा गन्ना रस दरअसल, धीरज ने रोहतक के मॉडल टाउन में गन्ना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 8, 2017 7:07 PM

।। राजीव चौबे ।।

हरियाणा का कृषि प्रधान रोहतक जिला इस बार अपनी कृषि उपज को लेकर नहीं, बल्कि उसके प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग को लेकर चर्चे में है. इस चर्चा के केंद्र में हैं रोहतक के रहनेवाले उत्साही युवा उद्यमी धीरज गुप्ता.

शुद्ध ताजा गन्ना रस

दरअसल, धीरज ने रोहतक के मॉडल टाउन में गन्ना जूस की एक दुकान खोली है. नाम है – गनाहा. जिसकी टैगलाइन है – शुद्ध ताजा गन्ना रस. इस दुकान की सबसे बड़ी खासियत है इसका लंबा-चौड़ा मेन्यू. जी हां, सिर्फ गन्ने का जूस बेचनेवाली इस दुकान पर आपको गन्ने के जूस के एक या दो नहीं, पूरे 20 फ्लेवर मिल जायेंगे.

नया कंसेप्ट

यूं तो बिहार-झारखंड सहित देश के अधिकांश इलाकों में गन्ने का जूस ठेलों पर बेचा जाता है, लेकिन धीरज ने इसके लिए बाकायदा एक साफ-सुथरी दुकान नये कंसेप्ट के साथ शुरू की है. धीरज ने गन्ने के जूस के ये फ्लेवर्स खुद तैयार किये हैं. बीटेक की डिग्री लेने के बाद धीरज ने नौकरी करने के बजाय खुद का व्यवसाय चुना है. दरअसल, गन्ने के जूस के साथ इस तरह का प्रयोग नयी बात है. धीरज की दुकान पर हाइजीन का पूरा ध्यान रखते हुए गन्ने का जूस 30 रुपये से 40 रुपये की दर पर सर्व किया जाता है.

तरह-तरह के फ्लेवर्स

इस नये कंसेप्ट के तहत धीरज अपने ग्राहक को एसी दुकान में बैठकर मनपसंद फ्लेवर में गन्ने का ताजा जूस पीने की सुविधा मुहैया कराते हैं. गन्ने के जूस के जो फ्लेवर्स धीरज की शॉप पर उपलब्ध हैं, उनमें क्लासिक, अदरकी, नींबू, पुदीना, जल-जीरा, चाट मसाला, काली मिर्च से लेकर लीची, अमरूद, सेब, गुलाब, ब्लैक करंट, ग्रीन मिंट, स्ट्रॉबेरी सहित कुल 20 नाम शामिल हैं. कमाल की बात यह है कि धीरज ने दिखा दिया है कि व्यापारिक सोच रखकर किसी भी चीज को कैसे बेच सकते हैं!

मिसाल बन कर उभरे

आज के जमाने में आरामदेह नौकरी के पीछे भागते युवाओं के सामने धीरज एक मिसाल बन कर उभरे हैं. ऐसे समय में जब देशभर में ‘स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया’ की धूम मची है, धीरज अपने खास इनोवेशन और मजबूत इरादों की बदौलत आर्थिक स्वालंबन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.

किसानों की भी मदद

हमारे युवा ‘9 टू 5’ की नौकरियों के पीछे भागने के बजाय अगर इस तरह के कारोबार को अपनायें, तो न केवल वे फायदे में रहेंगे, बल्कि देश के वैसे किसानों की भी मदद होगी, जिन्हें अपनी फसल का सही भाव नहीं मिल पाता और वे आत्महत्या को मजबूर होते हैं.

कोला कंपनियों को जवाब

धीरज का यह खास उद्यम बहुराष्ट्रीय कोला कंपनियों को भी जवाब है, जो हमारे देश में जहरीले हानिकारक रासायनिक पेय का कारोबार कर हमारे स्वास्थ्य और देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ कर रही हैं.

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