बजट 2019ः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से महिलाओं की हैं ये बड़ी उम्मीदें

नयी दिल्ली: नयी सरकार के गठन के बाद बजट का दिन नजदीक आ रहा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बजट 2019 को लेकर पूरे देश की निगाहें इस ओर लगी हुई हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी. ऐसे में माना जा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 1, 2019 1:34 PM
नयी दिल्ली: नयी सरकार के गठन के बाद बजट का दिन नजदीक आ रहा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बजट 2019 को लेकर पूरे देश की निगाहें इस ओर लगी हुई हैं. देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब कोई पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले बजट में महिलाओं की जरूरतों का खास खयाल रखा जाएगा और उनके लिए जरूर कुछ खास प्रावधान किए जाएंगे. महिलाओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट में अपने लिए खास तोहफों की उम्मीद है.
इस बार के बजट से महिलाओं को ये हैं उम्मीदें
01. महिला सुरक्षा
महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है. महिला सुरक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे लेकर इस बजट में खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है. देश भर के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में महिला सुरक्षा के लिए मोबाइल एसओएस, सार्वजनिक परिवहन में कैमरा निगरानी जैसे उन्नत तकनीकी साधन का उपयोग किए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही महिला पुलिस बल को और बढ़ाया जा सकता है. बजट में इस मद में और आवंटन बढ़ाए जाने की उम्मीद की जा रही है.
02. टैक्स में छूट
2019 के अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए ईपीएफ में कटौती करते हुए उसे 12 फीसदी से कम करके आठ फीसदी कर दिया था. सरकार के इस कदम का सभी ने स्वागत किया था. बहुत से क्षेत्रों में महिलाएं अपने पुरुष समकक्षों के तुलना में कम कमाती हैं, इसे ध्यान में रखते हुए उन्हें टैक्स में ज्यादा राहत देकर वित्तीय रूप से अधिक मजबूत किया जा सकता है. बजट में ऐसे ही कुछ और टैक्स नियमों में राहत के कदम उठाए जाने की उम्मीद महिलाएं कर रही हैं.
03. महिलाओं को वित्तीय मदद
एक रिसर्च के मुताबिक भारत में लगभग 48 फीसदी गैर-कामकाजी घरेलू महिलाएं कोई व्यापार शुरू करके आत्मनिर्भर होना चाहती हैं. लेकिन सामजिक नियम कायदों और स्किल में कमी होने के कारण वो इस क्षेत्र में ज्यादा कुछ नहीं कर पाती हैं. सरकार महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम (एसटीईपी) के लिए सहायता प्रदान करती है, लेकिन पिछले बजटीय आवंटन में इसे 40 करोड़ रुपये से घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया था. इसे बढ़ाया जा सकता है.
04 उज्जवला योजना का बढ़ेगा दायरा
लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की जीत में उज्जवला योजना का काफी योगदान माना गया था. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में सरकार ने 8 करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था, इसमें से वो 6 करोड़ कनेक्शन देने में सफल भी रही थी. 5 जुलाई के बजट में वित्त मंत्री इस क्षेत्र में और भी ज्यादा काम कर सकती हैं.
05 इंडस्ट्री में महिला वर्कफोर्स बढ़ाने की दिशा में कदम
इंडस्ट्रीज में महिला वर्कफोर्स की संख्या घट रही है. यह संख्या 2016 में 32 फीसदी थी, जो 2018 में 23 फीसदी रह गई. महिला केन्द्रित नीतियों की कमी ने कॉरपोरेट वर्ल्ड में महिलाओं की ग्रोथ में अवरोध पैदा किया है. अनिवार्य सालाना डायवर्सिटी रिपोर्ट्स की पेशकश या कॉरपोरेट टैक्स स्ट्रक्चर से जुड़ी महिलाओं के लिए लीडरशिप ट्रेनिंग जैसे कदम महिला वर्कफोर्स को प्रमोट करते हुए एंटरप्राइजेज को आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं.

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