New Toll Tax System: 1 मई से देशभर में होने हैं सैटेलाइट टोल सिस्टम लागू, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का आया बड़ा फैसला

New Toll Tax System: देशभर में1मई से नये सैटेलाइट टोल टैक्स सिस्टम को लागू करने की काफी चर्चा चल रही है. इस बीच लोग काफी परेशान दिख रहे हैं. लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने शुक्रवार को कुछ बातों को भी साफ कर दिया है.

By Rajveer Singh | April 22, 2025 8:44 PM

New Toll Tax System: 1 मई से सेटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन को लेकर अफवाहों पर (MoRTH) ने लगाई रोक लगाई है. मीडिया में तेजी से यह खबर फैल रही थी कि 1 मई 2025 से देशभर में मौजूदा FASTag सिस्टम को हटाकर सेटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन लागू कर दिया जाएगा. इस खबर को लेकर लोगों में चिंताएं भी बढ़ गई थी. हालांकि, इन अफवाहों को खारिज करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि 1 मई से पूरे देश में सेटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू नहीं की जाएगी. मंत्रालय ने जनता को विश्वास दिलाया है कि वर्तमान FASTag सिस्टम यथावत जारी रहेगा.

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नये टोल सिस्टम के बारे जानें

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बताया कि गाड़ियों की टोल प्लाजा पर बिना रुकावट और बिना बैरियर के आवाजाही सुनिश्चित करने और सफर के समय को कम करने के लिए एक नया सिस्टम लाया जा रहा है. इसका नाम है ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और फास्टैग आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम.

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इस नए सिस्टम में ANPR टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा, जो गाड़ियों के नंबर प्लेट पढ़कर उनकी पहचान करेगा. साथ ही मौजूदा फास्टैग सिस्टम भी रहेगा, जो RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नोलॉजी के जरिए टोल टैक्स काटता है.

बिना रुकावट के सफर सुनिश्चित करेगा ANPR

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नई टोल संग्रह प्रणाली के बारे में जानकारी दी. इस नई प्रणाली का नाम ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और फास्टैग आधारित बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस नई प्रणाली का उद्देश्य टोल प्लाजा पर गाड़ियों की आवाजाही को बिना किसी रुकावट के और बिना बैरियर के सुनिश्चित करना है.

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ताकि यात्रा के समय में कमी लाई जा सके. इस प्रणाली में ANPR टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा. जो वाहन के नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी पहचान करेगा. साथ ही मौजूदा फास्टैग सिस्टम भी सक्रिय रहेगा, जो RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक के माध्यम से टोल शुल्क का स्वतः भुगतान करेगा.

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