10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां होंगी बंद, इतने पैसे में बना सकते हैं इलेक्ट्रिक कार

दिल्ली सरकार 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की तैयारी कर रही है. दूसरी ओर, सरकार ने अपने आदेश में इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2021 5:40 AM

Diesel Vehicle Ban for EV: अगर आप भी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी चला रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है. दिल्ली सरकार 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की तैयारी कर रही है. इन वाहनों को सिर्फ उसी स्थिति में ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC दिया जाएगा, जब वो किसी दूसरे राज्य में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई करेंगे. यह नियम एक जनवरी 2022 से लागू होंगे.

परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि 15 साल पूरे कर चुकी डीजल की गाड़ी को एनओसी नहीं दिया जाएगा, लेकिन डीजल की दस साल पुरानी और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ी को शर्तों के साथ दूसरे राज्य ले जाने के लिए एनओसी दिया जाएगा. विभाग ने यह भी कहा है कि 1 जनवरी 2022 को डीजल की जितनी गाड़ियां दस साल की समय सीमा पूरी कर रही हैं, उनको डी-रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा.

इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन

दूसरी ओर, सरकार ने अपने आदेश में इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराने का ऑप्शन दिया है. ऐसे में अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को चलाते रहना चाहते हैं तो आप उसे इलेक्ट्रिक गाड़ी में कन्वर्ट कर सकते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि इन गाड़ियों को इलेक्ट्रिक गाड़ी कैसे बनाया जा सकता है और इस पर कितना खर्च आता है.

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डीजल गाड़ी कैसे बनेगी इलेक्ट्रिक?

डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने के लिए एक इलेक्ट्रिक मोटर या इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट (ECU) की जरूरत होती है. बाजार में कई कंपनियां इस तरह की रेट्रोफिट इलेक्ट्रिक कंट्रोलर यूनिट देती हैं. दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि पुरानी डीजल गाड़ियों को इलेक्ट्रिक में बदलवाने के लिए गाड़ी मालिक उससे मान्यता प्राप्त कंपनियों की इलेक्ट्रिक किट को रेट्रोफिट करवा सकेंगे.

इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने में कितना खर्च आयेगा?

पुरानी डीजल या पेट्रोल गाड़ी को इलेक्ट्रिक में बदलने का खर्च नयी गाड़ी के 25% के बराबर तक पड़ता है. मारुति ऑल्टो जैसी छोटी कार को इलेक्ट्रिक गाड़ी में बदलने का खर्च लगभग दो लाख रुपये तक होता है. वहीं बड़ी कार के लिए यह खर्च 4 लाख रुपये तक जा सकता है.

डीजल गाड़ी को इलेक्ट्रिक बनाने के फायदे क्या हैं?

पेट्रोल और डीजल कार को इलेक्ट्रिक में बदलने के कई फायदे भी हैं. डीजल गाड़ी के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ी चलाने का खर्च काफी कम आता है. डीजल गाड़ी को चलाने का खर्च जहां 7 से 8 रुपये प्रति किलोमीटर आता है, वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ी का खर्च लगभग 1 रुपये प्रति किलोमीटर पड़ता है.

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