UP Election 2022: दूसरे चरण में किसानों और मुस्लिम मतदाताओं के हाथ में प्रत्याशियों की किस्मत

55 में से 40 सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक, गन्ना किसान भी निभाएंगे अहम भूमिका, 2017 में 38 सीटों पर जीती थी भाजपा, समाजवादी पार्टी को 15, कांग्रेस को मिली थी दो सीटों पर जीत

By Amit Yadav | February 14, 2022 7:12 AM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022 second phase Voting: यूपी विधानसभा चुनाव के सेकेंड फेज में नौ जिलों की 55 सीटें दांव पर हैं. इन सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत मुस्लिम मतदाता और किसानों के हाथ में है. यह दोनों मतदाता इस बार पार्टियों को सत्ता पर काबिज होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. मोदी लहर में 2017 में भाजपा ने 55 में से 38 सीटों पर कब्जा जमाया था. जबकि 15 सीटें समाजवादी पार्टी और दो कांग्रेस के खाते में गई थीं. लेकिन इस बार समीकरण कुछ बदले से हैं. किसानों में केंद्र सरकार के प्रति गुस्सा भरा है और ध्रुवीकरण 2017 के मुकाबले कुछ कम देखने को मिल रहा है. इसलिए सभी पार्टियों के लिए यह चरण बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है.

मुस्लिम मतदाता महत्वपूर्ण भूमिका में

यूपी चुनाव के दूसरे चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश और रुहेलखंड की 55 में से 40 सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. आजम खान और नवाब खानदान की रणभूमि मानी जाने वाले रामपुर जिले में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं. यहां की आबादी का लगभग 49 प्रतिशत मुस्लिम है. संभल, अमरोहा और मुरादाबाद में 45 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. बिजनौर में लगभग 40 फीसदी, बरेली में 30 फीसदी बदायूं में 21, शाहजहांपुर में लगभग 20 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या है. इन जिलों की धामपुर, बेहट, सहारनपुर देहात, कुंदरकी, धामपुर, नकुड़, देवबंद, नगीना, चांदपुर, बिजनौर सदर, मुरादाबाद देहात, ठाकुरद्वारा, कांठ, बड़ापुर, नहटौर आदि सीटों पर मुस्लिम मतदाता अहम भूमिका निभाता है.

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किसानों को नजरअंदाज करना मुश्किल

यूपी विधानसभा चुनाव के सेकेंड फेज में किसानों को नजरअंदाज करना किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा. एक साल से अधिक समय तक आंदोलन करने वाले किसान इस चुनाव में अनदेखी का जवाब ईवीएम का बटन दबाकर देंगे. जिन जिलों में मतदान है, उनमें से बिजनौर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर, संभल, अमरोहा, शाहजहांपुर, बदायूं में गन्ना किसानों की अच्छी संख्या हैं. इन क्षेत्रों में 38 चीनी मिल हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसानों को अपने पाले में लाने के लिए गन्ना मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल करने, सपा और बीजेपी ने 14 दिन में गन्ना किसानों का भुगतान करने का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है. ये वादे किसानों को अपने पक्ष में करने में कितना प्रभावित होंगे, इसका पता 10 मार्च को चलेगा.

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ओबीसी और एससी वोटर लेगा इम्तहान

यूपी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में ओबीसी और एससी वोटर भी पार्टियों का इम्तहान लेगा. सेकेंड फेज की सीटों पर अति पिछड़ा वर्ग के वोटर भी खासी संख्या में हैं. कुर्मी, लोधी, मौर्या, सैनी, भुइयार मतदाता इस चुनाव में जिसके पाले में गए, उसकी बल्ले-बल्ले होना तय है. इसके अलावा 55 में से नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. एससी वोटर किसके पाले में जाएगा, यह देखने वाली बात होगी. 2022 विधानसभा चुनाव में लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच मानी जा रही है. लेकिन रणनीतिकारों का मानना है कि बसपा को कम आंकना यहां बहुत बड़ी गलती होगा. बसपा ने प्रत्येक सीट पर प्रत्याशी उतारने में कोई लापरवाही नहीं की है. 2022 में इनमें से एक भी सीट पर बसपा का खाता नहीं खुला था. इस बार बीएसपी यहां कोई कोई भी लापरवाही बरतना नहीं चाहती है.

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