अशरफ गनी ने बताई अफगानिस्तान से भागने की वजह, कहा- नहीं जाता तो कल्लेआम हो जाता, इतने पैसे लेकर भागे थे गनी!

अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि, वो पैसे लेकर नहीं भागे हैं. यह सरासर गलत आरोप है. उन्होंने ये भी कहा है कि अगर वे वहीं रुकते तो और खून खराबा होता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2021 7:56 AM
  • अशरफ गनी ने कहा- पैसे लेकर देश से नहीं भागा

  • अफगानिस्तान में रहता तो होता खून खराबा

  • मानवीय आधार पर दी शरण – संयुक्त अरब अमीरात

तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद देश छोड़कर भाग जाने वाले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि, वो पैसे लेकर नहीं भागे हैं. यह सरासर गलत आरोप है. उन्होंने ये भी कहा है कि अगर वे वहीं रुकते तो और खून खराबा होता. अफगानिस्तान के पतन को उन्होंने सरकार और तालिबान दोनों की असफलता करार दिया है. उन्होंने कहा कि, वो शांति से सत्ता सौंपना चाहते थे. अफगानिस्तान छोड़कर मैंने अपने देश के लोगों को खूनी जंग से बचाया है.

गौरतलब है कि, अफगानिस्तान छोड़ने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी पहली बार दुनिया के सामने आये और अपने वतन छोड़ने का कारण स्पष्ट किया. अपने वीडियो संदेश में गनी ने कहा कि, वो देश छोड़कर नहीं जाते तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता. उन्होंने ये भी कहा कि, जो कह रहे हैं कि मैं भाग गया हूं वो सच्चाई से वाकिफ नहीं है.

अपने कुनबे के साथ भागे गनी: इधर, अफगान इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे से कुछ समय पहले ही देश छोड़कर फरार हो गये. उनके साथ 50 से ज्यादा लोग शामिल थे. जिनमें इनकी पत्नी रूला गनी, पूर्व अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्ला मोहिब और क्रिकेटर मोहम्मद नबी शामिल हैं. सभी रुसी विमान से संयुक्त अरब अमीरात भाग गये.

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16.9 करोड़ डॉलर की ‘चोरी’ का आरोप: इधर, तजाकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अघबार ने राष्ट्रपति अशरफ गनी पर सरकारी खजाने से 16.9 करोड़ डॉलर की ‘चोरी’ करने का आरोप लगाया है. साथ ही अंतरराष्ट्रीय पुलिस से उन्हें गिरफ्तार करने की मांग भी की है. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात का कहना है कि, उसने मानवीय आधार पर गनी और उनके परिवार को शरण दी है.

भाषा इनपुट के साथ

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Posted by: Pritish sahay

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