पाकिस्तान में सिखों की शीर्ष संस्था ने करतारपुर गलियारे को फिर से खोलने के फैसले का स्वागत किया

Kartarpur Corridor|Nanak Jayanti|यह गलियारा पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2021 10:10 PM

लाहौर: गुरु परब के लिए भारत सरकार ने करतारपुर गलियारा को फिर से खोलने का ऐलान किया है. इसका पाकिस्तान में सिखों की शीर्ष संस्था एवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) ने स्वागत किया है. ईटीपीबी ने कहा है कि इससे भारतीय सिखों को गुरुद्वारा दरबार साहिब की निर्बाध यात्रा करने में मदद मिलेगी. भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार से करतारपुर गलियारा को फिर से खोलने की घोषणा मंगलवार को की.

यह गलियारा पाकिस्तान स्थित दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है. दरबार साहिब में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताये थे. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मार्च 2020 से स्थगित तीर्थयात्रा को फिर से शुरू करने की घोषणा शुक्रवार को मनायी जाने वाली गुरुनानक जयंती से तीन दिन पहले की गयी है.

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पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान सरदार अमीर सिंह ने कहा, ‘हम भारत सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, जो काफी पहले ले लिया जाना चाहिए था. यह फैसला भारत के पंजाब से सिखों को उस स्थान की यात्रा करने का अवसर प्रदान करेगा, जहां बाबा नानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताये थे.’ उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में पवित्र स्थलों पर आना सिखों का मूल अधिकार है.’

3000 भारतीय सिखों की मेजबानी करेंगे पाकिस्तान के सिख

उन्होंने कहा कि गलियारे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सरदार अमीर सिंह ने कहा, ‘यहां से प्रेम और सौहार्द्र का एक संदेश जाना चाहिए. इससे तनाव घटाने और आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर करने में मदद मिलेगी.’ सरदार अमीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति गुरु नानक जयंती के सिलसिले में बुधवार को यहां करीब 3,000 सिखों की मेजबानी करेगा.

ईटीबीपी ने भी किया स्वागत

उन्होंने कहा, ‘हम भारत से इतनी ही संख्या में श्रद्धालुओं का गलियारे से आना सुगम कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि गलियारा एक दिन दोनों देशों के लोगों को करीब ले आयेगा. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखरेख करने वाले ईटीबीपी ने भी गलियारा फिर से खोले जाने का स्वागत किया.

इसके प्रवक्ता अमीर हाशमी ने कहा कि भारत से वाघा सीमा होते हुए बुधवार को करीब 3,000 सिख पाकिस्तान आयेंगे. उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यक्रम 18 नवंबर को गुरुद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब में होगा.

Posted By: Mithilesh Jha

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