रूस-यूक्रेन युद्ध : पुतिन के आगे झुके जेलेंस्की! रूस की विनाशलीला देख समझौते का दिया संकेत

यूक्रेन पर रूस के हमले करने के पहले से ही अमेरिका यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दिलाने और रूस के खिलाफ खड़ा करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को उकसा रहा है. अब अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी ने यूक्रेन को उकसाने के ख्याल से भड़काऊ बयान दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2022 12:00 PM

नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 14वां दिन है. इस दौरान यूक्रेन में रूस के विनाशकारी हमले लगातार जारी है. दोनों देशों की जिद्द के आगे पूरा विश्व अशांत है. इंग्लिश भाषी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों ने रूस पर प्रतिबंधों की झड़ी लगा रखी है, तो भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे तटस्थ देश यूक्रेन समेत पूरे विश्व में शांति बहाल करने के लिए दोनों देशों से कूटनीतिक बातचीत करने की लगातार अपील कर रहे हैं. रूस यूक्रेन को घुटने पर लाना चाहता है, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की रूस के सामने झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच, एक खबर निकलकर यह भी सामने आ रही है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भले ही व्लादिमीर पुतिन के सामने झुकने का नाम नहीं ले रहे हों, लेकिन उन्होंने रूस के साथ समझौता करने के संकेत जरूर दिए हैं.

अमेरिकी चैनल से बातचीत में जेलेंस्की ने दिए संकेत

बीबीसी हिंदी की एक खबर के अनुसार, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अमेरिकी टेलीविजन चैनल एबीसी को दिए एक साक्षात्कार में रूस के साथ समझौता करने के संकेत दिए हैं. इस अमेरिकी चैनल से बातचीत करते हुए जेलेंस्की ने कहा है कि वे रूस के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं. रूस के साथ बेलारूस में यूक्रेन के प्रतिनिधियों की तीन दौर की बातचीत होने के बाद जेलेंस्की ने टेलीविजन चैनल के सामने दोनेत्स्क, लुहांस्क और नाटो में यूक्रेन के शामिल होने को लेकर खुलकर अपनी बात रखी.

नाटो की सदस्यता के लिए नहीं लगा रहे जोर : जेलेंस्की

अमेरिकी टेलीविजन चैनल एबीसी से बातचीत के दौरान जेलेंस्की ने कहा कि वे नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए जोर नहीं लगा रहे हैं. इसके साथ ही, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेन के दो रूस समर्थित क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क पर भी अपनी बात रखी है. बताते चलें कि नाटो ही दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर रूस यूक्रेन पर हमला कर रहा है. इस मुद्दे को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद असहज रहे हैं. शायद यही वजह है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई करने का कड़ा फैसला लिया. पुतिन नहीं चाहते हैं कि नाटो रूस के किसी भी पड़ोसी देश में अपना ठिकाना बना सके.

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यूक्रेन को लगातार उकसा रहा है अमेरिका

उधर, यूक्रेन पर रूस के हमले करने के पहले से ही अमेरिका यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दिलाने और रूस के खिलाफ खड़ा करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की को उकसा रहा है. अब अमेरिका के एक खुफिया अधिकारी ने यूक्रेन को उकसाने के ख्याल से बयान दिया है कि रूस ने हमला करने से यूक्रेन की प्रतिरोध करने की ताकत को आंकने में भूल कर दी है. उसने उसकी ताकत को कम करके आंका. अमेरिका के नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक एवरिल हैंस ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की एक समिति से कहा कि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध में हार नहीं चाहते हैं, लेकिन उनकी जीत संघर्ष के प्रभाव को बढ़ा सकती है.

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