मास्को में पहली बार आमने-सामने होंगे भारत-तालिबान, आतंकियों के लिए दुनिया से पाकिस्तान मांग रहा समर्थन की भीख

रुस की राजधानी मॉस्को में आज यानी बुधवार को हो रहे मॉस्को फॉर्मेट की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तालिबान के अधिकारी आमने-सामने नजर आएंगे. इस बैठक में तालिबान अफगानिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा और समावेशी सरकार के गठन को लेकर बातचीत हो सकती है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2021 11:20 AM

15 अगस्त 2021 को 20 साल बाद सत्ता पर फिर से काबिज होने के बाद पहली बार आमने सामने होंगे भारत-तालिबान. रुस की राजधानी मॉस्को में आज यानी बुधवार को हो रहे मॉस्को फॉर्मेट की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल और तालिबान के अधिकारी आमने-सामने नजर आएंगे. इस बैठक में तालिबान अफगानिस्तान में नागरिकों की सुरक्षा और समावेशी सरकार के गठन को लेकर बातचीत हो सकती है.

गौरतलब है कि सत्ता पर फिर से काबिज होने के बाद ये पहला मौका है जब किसी सम्मेलन में तालिबान का कोई प्रतिनिधिमंडल हिस्सा ले रहा है. रूस से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक मॉस्को फॉर्मेट की बैठक में 10 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. इसके अलावा बैठक में तालिबान का भी एक प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेगा.

पाकिस्तान और चीन भी बैठक में लेंगे हिस्सा: भारत के अलावा बैठक में चीन और पाकिस्तान भी हिस्सा ले रहा है. गौरतलब है कि चीन और पाकिस्तान उन देशों में अग्रणी है जिसने तालिबान की सत्ता को पहले पहल पहल मान्यता दी थी. वहीं, जहां पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी हमलों को शह देता आया है. और अपनी जमीन का पूरा इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है. वहीं चीन भी बार्डर पर घुसपैठ के साथ एलएसी पर सेना और हथियार जमा कर रहा है.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान के मसले पर रुस में हो रही कई देशों की बैठक में भारत भी शामिल हो रहा है. विदेश मंत्रालय का इस बैठक को लेकर कहना है कि, अन्य देशों के साथ साथ भारत को भी बैठक में हिस्सा लेने का निमंत्रण मिला है. मंत्रालय ने कहा है भारत का भी एक प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हो रहा है.

वहीं बैठक को लेकर रुस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस बैठक में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की राजनीतिक, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक प्रगति पर मुख्य रुप से चर्चा की जाएगी. बैठक के बाद सभी देशों की ओर से एक साझा बयान भी जारी किया जाएगा.

गौरतलब है कि भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान और चीन के पहले ही आतंकवाद समेत सीमा पर घुसपैठ की समस्याओं से जूझ रहा है है. ऐसे में भारत ने तालिबान से साफ कर दिया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए. हालांकि पाकिस्तान की मंशा हमेशा से अफगान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करने की रही है. ऐसे में देखना है कि बैठक की निचोड़ क्या निकलता है.

Posted by: Pritish Sahay

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