6 सालों से सक्रिय है आइएसआइएस-खुरासान संगठन, प्राचीन खुरासान साम्राज्य फिर स्थापित करने का है मकसद

यह अफगानिस्तान के उस प्राचीन साम्राज्य को फिर से स्थापित करने का सपना देखता है, जिसमें आधुनिक अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पूर्वी ईरान के बहुत से भाग शामिल थे, इसलिए इस संगठन ने अपने नाम के साथ खुरासान जोड़ रखा है

By Prabhat Khabar | August 28, 2021 8:36 AM

आइएसआइएस-के यानी आइएसआइएस खुरासान यानी ‘इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत’ दुनिया के लिए उतना ही बड़ा खतरा है, जितना बड़ा खतरा आइएसआइएस. यह आतंकी संगठन सीरिया व इराक में सक्रिय आतंकवादी संगठन आइएसआइएस का सहयोगी है. हालांकि, यह अफगानिस्तान के उस प्राचीन साम्राज्य को फिर से स्थापित करने का सपना देखता है, जिसमें आधुनिक अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पूर्वी ईरान के बहुत से भाग शामिल थे, इसलिए इस संगठन ने अपने नाम के साथ खुरासान जोड़ रखा है, मगर इसका रास्ता नापाक है. खुरासान प्राचीन समय में मध्य एशिया का ऐतिहासिक क्षेत्र था.

ईरान में अब भी खुरासान नाम का एक प्रांत है, जो इस ऐतिहासिक इलाके का केवल एक भाग है. इसके उत्तर में रूसी, पूर्व में अफगानिस्तान, पश्चिम में ईरानी और दक्षिण में केरमान के प्रांत हैं. आइएसआइएस-के की सक्रियता फिलहाल अफगानिस्तान के ही कुछ इलाकों में है. अफगानिस्तान के दो प्रांतों पर उसने अपनी स्थिति को मजबूत बना रखा है. अफगान इसका दुश्मन है और भारत-अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों में आतंकी वारदात को अंजाम देना इसका मकसद है.

क्या है फारसी में खुरासान का मतलब

खुरासान को फारसी में खुरासान-ए-कहन भी कहा जाता है. मध्य फारसी में ‘खुर’ का मतलब ‘सूरज’ (आधुनिक फ़ारसी में ‘खुरशीद​’) और ‘असान’ या ‘अयान’ का मतलब ‘आना’ होता है. ‘खुरासान’ का मतलब है ‘वह जगह जहां से सूरज आता हो’ यानी ‘पूर्वी जमीन’. यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि खुरासान क्षेत्र ईरान से पूर्व में है.

अफगानिस्तान के बदले हालात में फिर उठा रहा सर

भारत में भी रचता रहा है साजिश: यह आतंकी संगठन ने भारत को भी निशाना बनाने की साजिश करता रहा है. उत्तर प्रदेश को दहलाने की इसने कई बार असफल नापाक कोशिशें कीं, जिसमें इसके नेटवर्क के लोग पकड़े गये आैर आज भी वहां के जेलों में बंद हैं. इसने पहले भी अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले किये हैं.

पाकिस्तान में ऐसे पैदा हुआ था यह आतंकी संगठन

1999 में स्थापित और 2014 में सुर्खियों में आये आइएसआइएस का सहयोगी आइएसआइएस-खुरासान जनवरी 2015 में बना था, जो तालिबान के पाकिस्तानी सहयोगी के असंतुष्ट सदस्यों द्वारा स्थापित किया गया था. यह तालिबान और अमेरिका को अपना कट्टर दुश्मन मानता है. इसकी शुरुआत पाक तालिबान लड़ाकों से हुई थी. इसका मौजूदा सरगना भी पाकिस्तान का ही है. हालांकि पाकिस्तान ने कई सैन्य अभियानों के बाद इन्हें अपने यहां से खदेड़ दिया था. तब इसके लड़कों ने अफगानिस्तान सीमा पर शरण ली थी. इसकी ताकत चरमपंथी विचारधारा है.

Posted by: Pritish Sahay

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