बेटी के जवान होते ही पिता बन जाता है दूल्हा, उसी से करता है विवाह, जानें क्यों?

Father Marries Daughter: इस प्रथा को लेकर मंडी समाज की दलील है कि यह परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का तरीका है.

By Aman Kumar Pandey | April 22, 2025 12:02 PM

Father Marries Daughter: दुनिया में कई तरह की अनोखी और विचित्र परंपराएं देखने को मिलती हैं, लेकिन कुछ परंपराएं इतनी हैरान करने वाली होती हैं कि उन्हें इंसानियत पर धब्बा कहना गलत नहीं होगा. ऐसी ही एक चौंकाने वाली परंपरा बांग्लादेश से सामने आई है, जो वहां के ‘मंडी’ नामक आदिवासी समुदाय में वर्षों से चली आ रही है. यह परंपरा न सिर्फ अजीब है, बल्कि भावनात्मक और नैतिक रूप से भी बेहद तकलीफदेह है.

मंडी समुदाय में एक ऐसा रिवाज है, जिसमें कोई पुरुष अगर किसी विधवा महिला से विवाह करता है, तो उसे महिला की पहली शादी से जन्मी बेटी से भी शादी करने की अनुमति होती है. यानी, वह पुरुष जिसे बच्ची एक समय पर पिता मानती है, वही बाद में उसका पति बन सकता है. यह परंपरा न सिर्फ नैतिकता की सीमाओं को तोड़ती है, बल्कि इससे उन मासूम बच्चियों का मानसिक और भावनात्मक शोषण भी होता है, जो अपने बचपन में सिर्फ प्यार और सुरक्षा की उम्मीद करती हैं.

इसे भी पढ़ें: रेव पार्टी में रेड करने वाली पुलिस सस्पेंड, देखें वीडियो

इस प्रथा को लेकर मंडी समाज की दलील है कि यह परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का तरीका है. उनका कहना है कि इससे विधवा महिला और उसकी बेटियों को आर्थिक और सामाजिक संरक्षण मिलता है, क्योंकि परिवार का भरण-पोषण उसी पुरुष द्वारा किया जाता है. लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा भयावह है.

इस परंपरा की आड़ में नाबालिग बच्चियों का शोषण होता है और उनका बचपन छीना जाता है. जिन बच्चियों को शिक्षा, प्यार और एक सुरक्षित माहौल मिलना चाहिए, उन्हें बालिग होने से पहले ही शादी और संबंधों के बोझ तले दबा दिया जाता है. यह रिवाज न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि समाज की सोच पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है.

इसे भी पढ़ें: ट्रंप-जिनपिंग की टैक्स जंग बेकाबू! चीन ने फेंका 84% टैरिफ का ‘बम’

ऐसी प्रथाओं पर गंभीरता से सोचने और इन्हें खत्म करने की जरूरत है, ताकि किसी भी बच्ची को अपना बचपन खोने और असहनीय दर्द झेलने के लिए मजबूर न होना पड़े. इंसानियत के नाम पर ऐसी परंपराओं का कोई स्थान नहीं होना चाहिए.

इसे भी पढ़ें: हूती हमलों के साए में यूएई, भारत ने दिया ‘आकाश’ से बचाव का प्रस्ताव