द्रमुक ने राजनीतिक दलों, क्षेत्रीय संगठनों से एकजुट होने का आह्वान किया
चेन्नई: केंद्र की भाजपा नीत सरकार को ‘‘स्पष्ट तौर पर सांप्रदायिक’’ करार देते हुए द्रमुक ने आज देश के सभी राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों को अपने क्षेत्रीय तथा वैचारिक मतभेदों को भुलाकर ‘‘देश पर कहर बनकर टूटे सांप्रदायिक हमलों’’ का विरोध करने का आह्वान किया है. एम. करुणानिधि के नेतृत्व वाले दल ने कहा […]
चेन्नई: केंद्र की भाजपा नीत सरकार को ‘‘स्पष्ट तौर पर सांप्रदायिक’’ करार देते हुए द्रमुक ने आज देश के सभी राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों को अपने क्षेत्रीय तथा वैचारिक मतभेदों को भुलाकर ‘‘देश पर कहर बनकर टूटे सांप्रदायिक हमलों’’ का विरोध करने का आह्वान किया है.
एम. करुणानिधि के नेतृत्व वाले दल ने कहा कि उन्होंने शुरु में राजग सरकार के कई कदमों का स्वागत किया लेकिन अब यह चिंता का विषय है कि केंद्र विकास के अपने वादों से भटककर दक्षिणपंथी समूहों के नक्शेकदम पर चलकर पूरे देश को ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ में तब्दील करने के सारे प्रयास में जुटी है.
पार्टी की आम सभा में एक विस्तृत प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें 25 दिसंबर को पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर क्रिसमस पर ‘सुशासन दिवस’ मनाने का केंद्र के विवादास्पद प्रस्ताव सहित विभिन्न विवादास्पद प्रस्तावों की निंदा की गई. पार्टी की आम सभा फैसले लेने वाली एक महत्वपूर्ण संस्था है जो तीन शीर्ष नेताओं – अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष का निर्वाचित करती है.
महासभा के सदस्यों द्वारा पारित प्रस्ताव में यह दावा किया गया कि ‘‘केंद्र सरकार का वर्तमान ‘‘स्पष्ट सांप्रदायिक व्यवहार’’ न केवल अल्पसंख्यकों, धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वालों और राष्ट्रीय एकता में विश्वास रखने वालों के लिए अस्वीकार्य है बल्कि यह बेहद चिंता का विषय भी है.’’ इसके मुताबिक, पिछले साल के चुनाव में मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार को मजबूत बहुमत दिया. शुरु में इनके विकास के प्रस्तावों का ‘हमने स्वागत किया’ यहां तक कि मंत्रियों के ‘‘प्रतिगामी प्रस्ताव’’ यह दिखाते थे कि सरकार अपने वास्तविक मार्ग से भटक गई है.