नेहरू को ‘लोकदेव’ कहा, तो जेपी में देखा भारत का भविष्य

प्रियंका गांधी ने चुनावी सभा में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ी, तो सोशल मीडिया पर उनकी अलग-अलग कविताएं शेयर की जाने लगीं. 23 सितंबर, 1908 को जन्मे दिनकर ने समूचा साहित्य उस दौर में रचा जब भारतीय राजनीति में कांग्रेस का दबदबा था. नेहरू को दिनकर ने ‘लोकदेव’ की उपाधि देते हुए ‘लोकदेव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 9, 2019 6:07 AM
प्रियंका गांधी ने चुनावी सभा में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता पढ़ी, तो सोशल मीडिया पर उनकी अलग-अलग कविताएं शेयर की जाने लगीं. 23 सितंबर, 1908 को जन्मे दिनकर ने समूचा साहित्य उस दौर में रचा जब भारतीय राजनीति में कांग्रेस का दबदबा था.
नेहरू को दिनकर ने ‘लोकदेव’ की उपाधि देते हुए ‘लोकदेव नेहरू’ जैसी किताब लिखी. नेहरू के पीएम रहते 1952 से 1964 तक 12 साल वह कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य रहे. फिर भी उन्होंने कई बार नेहरू को आईना दिखाया. उन्होंने जयप्रकाश नारायण की प्रशस्ति में भी कविता लिखी- है जयप्रकाश वह नाम जिसे, इतिहास समादर देता है, बढ़ कर जिसके पदचिह्नों को उर पर अंकित कर लेता है. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है…’ जेपी के आंदोलन की हुंकार बन गयी.

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