जाधव मामले में जल्द सुनवाई करे इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, पाकिस्तान ने की मांग

इसलामाबाद : पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) से मांग की है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की जल्द सुनवाई करे. जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी हुई है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हेग स्थित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2017 2:35 PM

इसलामाबाद : पाकिस्तान ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) से मांग की है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की जल्द सुनवाई करे. जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनायी हुई है.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से कहा कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने हेग स्थित आइसीजे के पंजीयक को पत्र भेजा है. इस पत्र में पाकिस्तान ने जल्द सुनवाई रखने की इच्छा व्यक्त की है. उसने अगले कुछ ही सप्ताह में सुनवाई आयोजित करने को प्राथमिकता दी है.

जाधव की फांसी पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, आइसीजे में भारत ने पाकिस्तान के एक-एक झूठ की खोली पोल

सूत्रों के हवाले से ट्रिब्यून ने कहा कि ऐसा अनुरोध आइसीजे के जजों के आगामी चुनाव को ध्यान में रख कर किया गया है. ये चुनाव नवंबर में होने हैं. हालांकि, एक विशेष अधिकारी के हवाले से कहा गया कि आइसीजे इस मामले में पुन: सुनवाई अक्तूबर में शुरू कर सकता है.

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, सरकार चाहती है कि सुनवाई अगले छह सप्ताह में रख ली जाये.’ पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अश्तार ऑसफ अली के आइसीजे की कार्यवाही में शामिल होने की उम्मीद है. हालांकि, संघीय सरकार ने पाकिस्तान के अटॉर्नी खावर कुरैशी को हटवाने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है.

कुलभूषण जाधव को फांसी दी, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ जायेगा पाकिस्तान

कानून मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा, ‘उनका प्रदर्शन संतोषजनक है. उन्होंने सुनवाई के दौरान सभी प्रासंगिक कानूनी बिंदु उठाये.’ सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सरकार आइसीजे के तदर्थ जज के पद पर नामांकन के लिए कुछ नामों पर विचार कर रही थी.

रिपोर्ट में कहा गया कि एक वरिष्ठ वकील के नाम पर विचार किया जा रहा था. इस रिपोर्ट के आने से कुछ ही दिन पहले आइसीजे ने जाधव को मिली फांसी की सजा की तामील पर रोक लगायी थी और जाधव तक राजनयिक पहुंच देने के भारत के अनुरोध का समर्थन किया था.

Next Article

Exit mobile version