ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी सर्जन जनरल मूर्ति को बर्खास्त किया

वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने ओबामा के समय नियुक्त किए गए भारतीय-अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति को पद से बर्खास्त कर दिया है ताकि अहम सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नये नेतृत्व को लाया जा सके.मूर्ति (39) की जगह उनके डिप्टी रियर एडमिरल सेल्विया ट्रेंट-एडम्स ने ली है वह पहली नर्स हैं जो सर्जन जनरल के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 22, 2017 4:23 PM

वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने ओबामा के समय नियुक्त किए गए भारतीय-अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति को पद से बर्खास्त कर दिया है ताकि अहम सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में नये नेतृत्व को लाया जा सके.मूर्ति (39) की जगह उनके डिप्टी रियर एडमिरल सेल्विया ट्रेंट-एडम्स ने ली है वह पहली नर्स हैं जो सर्जन जनरल के तौर पर सेवा देंगी. अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग ने कल एक बयान में कहा कि यूएस पब्लिक हेल्थ सर्विस कमीशन्ड कॉर्प्स के नेता मूर्ति से सर्जन जनरल पद से इस्तीफा देने को कहा गया था. इससे पहले नये ट्रंप प्रशासन में सुगम सत्तांतरण के लिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी थी.

बयान में कहा गया है, ‘‘मूर्ति को सर्जन जनरल के पद से मुक्त कर दिया गया है और वह कमीशन्ड कॉर्प्स के सदस्य के तौर पर अपनी सेवाएं जारी रखेंगे.” अमेरिकी सर्जन जनरल के तौर पर मूर्ति के नाम की पुष्टि दिसंबर 2014 में की गयी थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर दी है कि यह तुरंत साफ नहीं हो पाया है कि मूर्ति को क्यों उनके पद से मुक्त किया गया है? अखबार ने रेखांकित किया है कि स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के कर्मचारियों ने निजी बातचीत में उनकों अचानक से हटाए जाने पर हैरानी जतायी है. अमेरिका के 19वें सर्जन जनरल मूर्ति इस पद पर बैठने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी थे. मूर्ति ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि इस महत्वपूर्ण पद पर काम करना सम्मान की बात थी.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के गरीब किसान के पोते को राष्ट्रपति द्वारा पूरे देश के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए कहा जाना बेहद अभिभूत करने वाला था. यह एक अद्भुत अमेरिकी कहानी थी. मैं अपने देश का आभारी रहूंगा, जिसने लगभग 40 साल पहले मेरे प्रवासी परिवार का स्वागत किया और मुझे सेवा का मौका दिया.” दिलचस्प है कि मूर्ति दूसरे भारतीय अमेरिकी हैं जिन्हें वरिष्ठ पद से बर्खास्त किया गया है. पहले न्यूयॉर्क के अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा थे, जिन्हें इसलिए बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था.

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