क्या सिंधु जल संधि का निकलेगा हल ? पाक में सिंधु आयोग की बैठक आज

इसलामाबाद/नयी दिल्ली : इसलामाबाद में सोमवार से शुरू हो रही स्थायी सिंधु आयोग (पीआइसी) की बैठक में भाग लेने के लिए 10 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को रवाना हो गया. भारत के सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना, विदेश मंत्रालय के अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं. सरकारी सूत्र के मुताबिक, भारत सिंधु […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2017 8:00 AM

इसलामाबाद/नयी दिल्ली : इसलामाबाद में सोमवार से शुरू हो रही स्थायी सिंधु आयोग (पीआइसी) की बैठक में भाग लेने के लिए 10 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को रवाना हो गया. भारत के सिंधु जल आयुक्त पीके सक्सेना, विदेश मंत्रालय के अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं.

सरकारी सूत्र के मुताबिक, भारत सिंधु जल संधि के तहत परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान की चिंताओं पर चर्चा करने और उनका समाधान करने को सदा तैयार है. भारत की ओर से 57 साल पुरानी इस संधि के तहत अपने उचित अधिकारों को दोहन करने को लेकर कोई समझौता नहीं किया जायेगा. बहरहाल, इस बैठक के एजेंडे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. उड़ी आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से इस संधि पर बातचीत नहीं करने के फैसला के छह महीने बाद यह बैठक होने जा रही है.

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला और करगिल जिलों में बनी 240 मेगावाट की उड़ी-2 परियोजना तथा 44 मेगावाट की चटक परियोजना को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इनकी वजह से वह अपने हिस्से के पानी से वंचित रह जायेगा. बहरहाल, मई, 2010 में हुई बैठक में जब भारतीय पक्ष ने इन परियोजनाओं के बारे में विवरण दिया, तो पाकिस्तान ने अपनी आपत्ति वापस ले ली. इसी तरह, पाकिस्तान पाकल डल, रातले, किशनगंगा, कलनाई परियोजनाओं को लेकर भी आपत्ति जताता रहा है. उसने पिछले साल अगस्त में विश्व बैंक का भी रुख किया था और किशनगंगा तथा रातले परियोजनाओं का मुद्दा उठाया था.

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