श्रीलंका ने किया किनारा, सार्क में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान

नयी दिल्ली : उरी हमले के बाद पाकिस्तान भारी दबाव में है. सार्क सम्मेलन बहिष्कार करने वाले सदस्य देशों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. इस बार श्रीलंका ने नवंबर में होने वाले इस्लामाबाद सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है. आज श्रीलंका ने सार्क समिट के बहिष्कार का घोषणा करते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 30, 2016 5:10 PM

नयी दिल्ली : उरी हमले के बाद पाकिस्तान भारी दबाव में है. सार्क सम्मेलन बहिष्कार करने वाले सदस्य देशों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है. इस बार श्रीलंका ने नवंबर में होने वाले इस्लामाबाद सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया है. आज श्रीलंका ने सार्क समिट के बहिष्कार का घोषणा करते हुए कहा कि "हम हर तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं और इससे निर्णायक तरीके से निबटा जाना चाहिए. हमें खेद है कि मौजूदा हालात सार्क सम्मेलन आयोजित करने लायक नहीं है". ज्ञात हो कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के कोझिकोड में एक जनसभा में कहा था कि हम पाकिस्तान को वैश्विक समुदाय में अलग-थलग करेंगे. इससे पहले सार्क सम्मेलन का बंग्लादेश, भूटान व अफगानिस्तान ने बहिष्कार किया है.

भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का समर्थन देने से वैश्विक समुदाय ने इंकार कर दिया है. कल पाक को उम्मीद थी कि एलओसी के पार भारतीय सेना की इस कार्रवाई का वैश्विक समुदाय कड़ी निंदा करेगा, लेकिन वैश्विक बिरादरी ने भारत के इस सहासिक कार्रवाई को मौन समर्थन दिया है.
गौरतलब है कि अमेरिका में 9/11 हमले का मुख्य आरोपी ओसामा बिन लादेन ने पाकिस्तान में ही अपना स्थायी ठिकाना बनाया था, जिसे अमेरिका ने ऑपरेशन में मार गिराया था. इस घटना के बाद से अमेरिका-पाकिस्तान के संबंधों में पहले जैसी गर्माहट नहीं रही.
पाकिस्तान को अब बड़े भाई चीन का आसरा
पाकिस्तान अब चीन को उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है, कल सर्जिकल स्ट्राइक के खबरों के बाद चीन ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया जतायी. दरअसल चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश किया है. चीन नहीं चाहता है कि उसे दोनों देशों के तनाव की वजह से कोई आर्थिक नुकसान उठाना पड़े.
उधर आज चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर को लेकर चीन ने पाकिस्तान को 51.5 बिलियन डॉलर का कर्ज जारी किया है. इस संंबंध में मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के योजना व विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि बीजिंग 5.5 बिलीयन डॉलर का कर्ज देने को राजी हो गया है. इस पैसे से कराची -लाहौर मेनलाइन को अपग्रेड किया जायेगा. 2 प्रतिशत से कम ब्याज दर में यह कर्ज दिया गया. पाकिस्तानइसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में देख रहा है.

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