10 दिनों का होगा नवरात्र

अध्यात्म : शारदीय पूजनोत्सव के लिए 16 साल बाद बना है विशेष संयोग इस वर्ष नवरात्र की पूजा दस दिनों तक होगी. द्वितीया दो दिन होने के कारण यह संयोग बना है. ज्योतिष के जानकार इसे काफी शुभ मानते हैं. वैसे भी इस वर्ष दुर्गापूजा में आसनसोल जिला का गिफ्ट राज्य सरकार दे सकती है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 27, 2016 5:51 AM
अध्यात्म : शारदीय पूजनोत्सव के लिए 16 साल बाद बना है विशेष संयोग
इस वर्ष नवरात्र की पूजा दस दिनों तक होगी. द्वितीया दो दिन होने के कारण यह संयोग बना है. ज्योतिष के जानकार इसे काफी शुभ मानते हैं. वैसे भी इस वर्ष दुर्गापूजा में आसनसोल जिला का गिफ्ट राज्य सरकार दे सकती है. जिला बनने से शहर व इलाके का काफी विका स हो सकेगा
आसनसोल. इस बार शारदीय नवरात्र 10 दिनों का है, जिसे ज्योतिषशास्त्र में काफी शुभ माना गया है. नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरुप शैलपुत्री, ब्रहचारिणी, चंद्रघटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री की पूजा होती है.
नवरात्र का बढ़ना समृद्धि सूचक
एक अक्तूबर को मां के प्रथम रुप शैलपुत्री की पूजा होगी. दो अक्तूबर (रविवार) को सुबह 5:53 बजे द्वितीया तिथि लग रही है, जो सोमवार की सुबह 7:44 बजे तक रहेगी. सूर्योदय के बाद तक द्वितीया होने पर पूरे दिन द्वितीया तिथि मान्य होगी. इसी कारण इस वर्ष नवरात्र 10 दिन की हो रही है. पंडित श्री तिवारी बताते हैं कि आम तौर पर नवरात्र नौ दिन की होती है. कभी कभार घटती बढ़ती है.
ज्योतिष शास्त्र में काफी शुभ मानी गयी है नवरात्र की यह विशिष्टता
द्वितीया की पूजा होगी दो दिनों तक
इस बार द्वितीय पूजा दो और तीन अक्तूबर दो दिन होना है. अत: द्वितीया तिथि में वृद्धि हो जाने के कारण नवरात्र 10 दिनों का होगा. नव पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशा पूजा, रात्रि जागरण देवी का आहवान, सप्तमी आदि आठ अक्तूबर (शनिवार) को होगा. महाअष्टमी व्रत, महागिरी दर्शन श्री दुर्गा अष्टमी व्रत नौ अक्तूबर (रविवार) को पड़ता है. महानवमी त्रिशूलनी पूजा दीक्षा ग्रहण, हवन 10 अक्तूबर (सोमवार) को होगा. विजया दशमी, देवी विसजर्न नवरात्र व्रत का पारण, जयंती धारण, अपराजिता पूजा 11 अक्तूबर (मंगलवार) को मनाया जायेगा.
अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना
एक अक्तूबर से शारदीय नवरात्र आरंभ होगा. स्थानीय शनि मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित तुलसी तिवारी ने कहा कि कलश स्थापना प्रात: काल से लेकर संध्या के पूर्व किसी भी समय किया जा सकता है. कलश स्थापना का विशेष मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में दिन में 11:36 बजे से 12:24 बजे तक है.
नवरात्र तारिख दिन
प्रतिपदा एक अक्तूबर शनिवार
द्वितीया दो अक्तूबर रविवार
द्वितीया तीन अक्तूबर सोमवार
तृतीया चार अक्तूबर मंगलवार
चतुर्थी पांच अक्तूबर बुधवार
पंचमी छह अक्तूबर गुरुवार
षष्ठी सात अक्तूबर शुक्रवार
सप्तमी आठ अक्तूबर शनिवार
अष्टमी नौ अक्तूबर रविवार
नवमी 10 अक्तूबर सोमवार
दशमी 11 अक्तूबर मंगलवार

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