छात्र के मजबूत पक्ष को उभारता है शिक्षक

कौशलेंद्र रमण दस साल के एक बच्चे का बायां हाथ दुर्घटना में कट गया था. इसके बावजूद उसने जूडो सीखने का मन बनाया. वह एक वृद्ध जूडो टीचर से सीखने लगा. लड़का बहुत मन से सीख रहा था, लेकिन तीन महीने की ट्रेनिंग में शिक्षक ने उसे मात्र एक मूव ही सिखाया. एक दिन लड़के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 24, 2016 7:06 AM

कौशलेंद्र रमण

दस साल के एक बच्चे का बायां हाथ दुर्घटना में कट गया था. इसके बावजूद उसने जूडो सीखने का मन बनाया. वह एक वृद्ध जूडो टीचर से सीखने लगा. लड़का बहुत मन से सीख रहा था, लेकिन तीन महीने की ट्रेनिंग में शिक्षक ने उसे मात्र एक मूव ही सिखाया. एक दिन लड़के ने हिम्मत कर पूछा – क्या मुझे और मूव नहीं सीखना चाहिए? शिक्षक ने कहा – तुम सिर्फ इसी मूव को जानते हो और तुम्हारे लिए सिर्फ इसी मूव को जानना जरूरी है. लड़के को शिक्षक की बात समझ में नहीं आयी, लेकिन वह तन्मय होकर सीखता रहा. कुछ समय बाद शिक्षक उसे एक प्रतियोगिता में ले गये. लड़के ने अपने शुरू के दो मैच आसानी से जीत लिये.

तीसरा मैच टफ था, लेकिन प्रतिद्वंद्वी की एक गलती के बाद लड़के ने अपने मूव का इस्तेमाल कर मैच जीत लिया और फाइनल में पहुंच गया. फाइनल में उसका मुकाबला ताकतवर प्रतिद्वंद्वी से था. बच्चे को चोट नहीं लगे, इसलिए रेफरी मैच रद्द करना चाहता था, लेकिन शिक्षक ने कहा कि मैच हो.

मैच शुरू होते ही प्रतिद्वंद्वी ने एक गलती की और बच्चे ने अपने मूव का इस्तेमाल कर मैच जीत लिया. वहां से घर लौटते समय बच्चे ने हिम्मत कर के अपने शिक्षक से पूछा – सर, मैं सिर्फ एक मूव की बदौलत प्रतियोगिता जीतने में कैसे सफल हुआ? शिक्षक का जवाब था – इसके दो कारण हैं. एक, तुम जूडो के सबसे कठिन मूव में प्रवीण हो गये हो. दूसरा, इस मूव के खिलाफ एकमात्र ज्ञात डिफेंस है कि प्रतिद्वंद्वी तुम्हारा बायां हाथ पकड़े. जूडो टीचर ने लड़के की कमी को ही उसकी ताकत बना दिया.

कमी हर किसी में होती है. कोई भी परफेक्ट नहीं होता है. लेकिन, एक अच्छा शिक्षक अपने छात्र की कमजोरी की तरफ ध्यान नहीं देता है. वह उसके मजबूत पक्ष को उभारने की कोशिश करता है. इसमें जितनी मेहनत शिक्षक करता है, छात्र को भी उतनी ही करनी पड़ती है.

kaushalendra.raman@prabhatkhabar.in

Next Article

Exit mobile version