आतंकवाद के खिलाफ साझा हितों की भारत, अमेरिका व अफगानिस्तान ने की पुष्टि

न्यूयॉर्क : भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा को मजबूत करने में अपने साझा हितों की पुष्टि की है. साथ ही तीनों देशों ने अफगान सरकार की प्राथमिकताओं के साथ इस युद्ध प्रभावित देश में समन्वय एवं सहायता के लिए रास्ते भी तलाशे. अफगानिस्तान में भारतीय […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 22, 2016 2:05 PM

न्यूयॉर्क : भारत, अमेरिका और अफगानिस्तान ने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा को मजबूत करने में अपने साझा हितों की पुष्टि की है. साथ ही तीनों देशों ने अफगान सरकार की प्राथमिकताओं के साथ इस युद्ध प्रभावित देश में समन्वय एवं सहायता के लिए रास्ते भी तलाशे. अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा, अफगान उप विदेश मंत्री हिकमत करजई और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के लिए विशेष अमेरिकी प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन ने कल 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग त्रिपक्षीय विचार विमर्श के दौर के लिए मुलाकात की.

वोहरा, करजई और ओल्सन ने अफगानिस्तान में स्थिति तथा परस्पर हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने विचारों का आदान प्रदान किया. बैठक के बाद जारी एक त्रिपक्षीय बयान में कहा गया ‘क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए साझा हितों की पुष्टि की गई. सभी पक्षों ने क्षेत्रीय पहलू सहित अफगानिस्तान में राजनीतिक, आर्थिक और विकास लक्ष्यों पर केंद्रित बहसों का स्वागत किया.’

इस बयान में कहा गया है कि बैठक ने भारत और अमेरिका की सरकारों को अफगान सरकार की प्राथमिकता के अनुसार, उनके साथ समन्वय करने और सहायता देने के उपायों की खोज करने के लिए एक फोरम मुहैया कराया. बयान में कहा गया है ‘वह इस बात पर सहमत हुए कि साझा मूल्यों और लक्ष्यों को आगे बढाने में बातचीत मदद करती है. उन्होंने नियमित आधार पर इन विचार विमर्श को जारी रखने का फैसला किया.’

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पिछले माह अपने भारत दौरे में कहा था कि वॉशिंगटन नई दिल्ली और काबुल के साथ वर्ष 2013 में बाधित हुई त्रिपक्षीय वार्ताओं को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से अलग शुरू करेगा. पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी में संपन्न दूसरी भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था ‘तेजी से बदलते क्षेत्रीय और वैश्विक हालात के मद्देनजर भारत इस साल अफगानिस्तान के साथ त्रिपक्षीय बैठक बहाल करने, अफ्रीका पर तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए उत्सुक है.’

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