आस्ट्रेलियाई चुनावों पर पड़ रहा है ब्रेक्जिट का असर

सिडनी : आस्ट्रेलिया में शनिवार को संघीय चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसे में मौजूदा प्रधानमंत्री एवं पूर्व बैंकर मैल्कम टर्नबुल का दावा है कि जब ब्रिटेन के लोगों ने ब्रेग्जिट के समर्थन में मतदान किया है, तो ऐसे में केवल वही देश की स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं. टर्नबुल ने कहा कि ब्रेक्जिट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 30, 2016 4:04 PM

सिडनी : आस्ट्रेलिया में शनिवार को संघीय चुनाव होने जा रहे हैं और ऐसे में मौजूदा प्रधानमंत्री एवं पूर्व बैंकर मैल्कम टर्नबुल का दावा है कि जब ब्रिटेन के लोगों ने ब्रेग्जिट के समर्थन में मतदान किया है, तो ऐसे में केवल वही देश की स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं. टर्नबुल ने कहा कि ब्रेक्जिट दर्शाता है कि यह ‘कितना अहम है कि हम एक मजबूत, स्थायी नेतृत्व बनाए रखे.’ उन्होंने दावा किया कि उनके प्रतिद्वंद्वी एवं लेबर पार्टी के बिल शॉर्टन (49) मजबूत एवं स्थायी नेतृत्व मुहैया नहीं कराएंगे.

टर्नबुल ने इस सप्ताह कहा, ‘हमें अब पहले से अधिक विश्वास की आवश्यकता है, हमें निवेश की आवश्यकता है, हमें रोजगार की आवश्यकता है, हमें स्थिरता की आवश्यकता है, हमें नेतृत्व की आवश्यकता है और हम यही मुहैया कराते हैं और आस्ट्रेलिया के पास दो जून को उपलब्ध विकल्पों में से इसे केवल हम ही मुहैया करा सकते हैं.’

ब्रिटेन ने पिछले सप्ताह जो स्तब्ध करने वाला निर्णय लिया उसने उन दबावों को लेकर घबराहट बढा दी है जिसका सामना आस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था कर रही है. इसके बाद सोमवार को हुए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में टर्नबुल 49 प्रतिशत के मुकाबले 51 प्रतिशत मतों से थोडा आगे थे. टर्नबुल ने चुनाव समय से पूर्व कराए जाने का आह्वान किया है क्योंकि उपरी सदन सीनेट में सत्ता संतुलन निर्दलीय या अन्य छोटे दलों (क्रॉसबेंचर्स) के हाथ में है.

कुछ लोगों ने चुनाव के बाद पहले से भी अधिक क्रॉसबेंचर के चुने जाने की संभावना जताई है क्योंकि विकल्प की तलाश कर रहे मतदाता पारंपरिक राजनेताओं से उकता चुके है.दर्जनों छोटे दल एवं निर्दलीय उम्मीदवार शनिवार को होने वाले चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं और राजनीतिक रणनीतिकार ग्लेन द्रुएरी ने कहा कि उन्हें लेबर एवं लिबरल पार्टियों के नेताओं से हुए मोहभंग का लाभ मिल सकता है.

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