शारीरिक बनावट पर ताना मारना ठीक नहीं

दक्षा वैदकर हर इनसान परफेक्ट नहीं होता और हो भी नहीं सकता. सुंदरता और परफेक्शन की कोई परिभाषा नहीं, लेकिन फिर भी लोगों ने अपने अनुसार कुछ पैमाने बना रखे हैं. आमतौर पर लोगों का मानना होता है कि जो न ज्यादा दुबला है और न ज्यादा मोटा, वो परफेक्ट है. लड़कियों के मामले में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 23, 2016 6:05 AM

दक्षा वैदकर

हर इनसान परफेक्ट नहीं होता और हो भी नहीं सकता. सुंदरता और परफेक्शन की कोई परिभाषा नहीं, लेकिन फिर भी लोगों ने अपने अनुसार कुछ पैमाने बना रखे हैं. आमतौर पर लोगों का मानना होता है कि जो न ज्यादा दुबला है और न ज्यादा मोटा, वो परफेक्ट है. लड़कियों के मामले में कहा जाता है कि जो गोरी हो, चेहरा बेदाग हो, आंखें कजरारी हो, बाल लंबे हो, हाइट अच्छी हो, वो सुंदर है. वहीं लड़कों के मामले में अच्छी हाइट, सांवला या गोरा रंग और बॉडी होना सुंदर समझा जाता है.

ऐसे में जब कोई भी व्यक्ति इस लिस्ट से थोड़ा इधर-उधर होता है, तो लोग उसका मजाक बनाने लगते हैं. लड़केवाली लड़की को रिजेक्ट कर देते हैं और लड़कीवाले भी लड़के को मना कर देते हैं. हर लड़का चाहता है कि उसे कैटरीना कैफ जैसी पत्नी मिले और हर लड़की चाहती है कि उसके पति की बॉडी जॉन अब्राहम जैसी हो. जब ऐसा नहीं होता, कैटरीना और जॉन का इंतजार करते-करते उन्हें आम दिखने वाले इनसान से शादी करनी पड़ती है, तो बाद में वे सामनेवाले को उसकी कमियां गिनाने लगते हैं.

कभी पति अपनी पत्नी के मोटापे का मजाक उड़ाता है, तो कभी पत्नी अपने पति के दुबले होने का. पति कहता है कि तुम एक्सरसाइज क्यों नहीं करती और पत्नी कहती है कि तुम कुछ खाते क्यों नहीं? बॉडी क्यों नहीं बनती तुम्हारी? ये बातें धीरे-धीरे उन्हें एक-दूसरे से दूर तो करती ही हैं, साथ ही खुद के अंदर हीनभावना भी ले आती हैं. हमारा आत्मविश्वास डगमगाने लगता है. हम लोगों से बात करते वक्त यही सोचने लगते हैं कि वह हमारे मोटापे, रंग, चेहरे के पिंपल, तोंद, हाइट, बाहर निकले दांत आदि को ही देख रहा है. याद रखें, अगर आप किसी को शारीरिक रूप से ऐसे ताने मारते हैं, तो इससे बड़ा पाप नहीं हो सकता.

daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in

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