70 साल की उम्र में जगा रहे शिक्षा का अलख

शिक्षक दिवस पर विशेष दरौंदा और महाराजगंज में जेपी आंदोलन की अगुआई की शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने में रखते है रुचि हसनपुरा : प्रखंड के पिपरा चांदपुर गांव निवासी व सेवानिवृत्त शिक्षक रामनाथ सिंह 70 वर्ष की उम्र में भी बच्चों के बीच निशुल्क शिक्षा का अलख […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 5, 2015 7:27 AM
शिक्षक दिवस पर विशेष
दरौंदा और महाराजगंज में जेपी आंदोलन की अगुआई की
शिक्षक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी बच्चों को पढ़ाने में रखते है रुचि
हसनपुरा : प्रखंड के पिपरा चांदपुर गांव निवासी व सेवानिवृत्त शिक्षक रामनाथ सिंह 70 वर्ष की उम्र में भी बच्चों के बीच निशुल्क शिक्षा का अलख जगा रहे है़ं
28 फरवरी, 1947 को अपने माता-पिता की एकलौती संतान रामनाथ सिंह की सात वर्ष की आयु में इनके पिता रामसुभग सिंह की मृत्यु हो गयी़ माता की देख-रेख में आगे की शिक्षा संपन्न हुई़ 1968 में वे आरएसएस के स्वयंसेवक बने. एक जनवरी, 1971 में लालबहादुर शास्त्री उच्च विद्यालय बगौरा में संस्थापक शिक्षक के रूप से शिक्षण कार्य प्रारंभ किया़ फिर उन्होंने 1974 को जेपी आंदोलन में दरौंदा और महाराजगंज में संगठन को मजबूती के लिए कूद पड़े़ जेपी के आह्वान पर जब जुलाई ,1974 में बिहार विधानसभा का घेराव हुआ, तो नौ जुलाई को पटना के गर्दनीबाग में गिरफ्तार कर सीएलए के तहत उन्हें बक्सर जेल भेज दिया गया़
1975 में इंदिरा गांधी के शासन में जब देश में आपात काल की घोषणा की गयी, तो फिर इन्हें 26 जून को गिरफ्तार कर मंडल कारा सीवान भेजकर डिफेंस ऑफ इंडिया रुल डीआइआर के तहत केंद्रीय कारा बक्सर भेज दिया गया़
1975 में इनके माता के निधन के बाद न्यायालय के आदेश पर इन्हे पैरोल पर केद्रीय कारा से रिहा किया गया़ 18 फरवरी, 2007 को उमाशंकर प्रसाद उ.वि महाराजगंज से सेवा निवृत्त होने के बाद देहाती क्षेत्र के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए 1982 में कौशलेंद्र शाही गया सिंह उच्च विद्यालय की स्थापना तथा जून ,1985 में एमसीपीएस महाविद्यालय पिपरा की स्थापना की. इसके साथ-साथ स्वामी सहजानंद सरस्वती पुस्तकालय पिपरा की भी स्थापना की़ वहींश्री सिंह ने अपने पिता रामसुभग सिंह के नाम पर समाज कल्याण समिति गैर सरकारी संगठन खोलकर भी गरीबों की सेवा करते है़
आज भी श्री सिंह की देख-रेख में सभी संस्थाएं सफलता पूर्वक चल रही है़ं नियमित खुद कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाना इनका जीवन का हिस्सा है.

Next Article

Exit mobile version