VIDEO : यूएइ में बोले PM नरेंद्र मोदी, अब नहीं चलेगा ‘गुड और बैड तालिबान’
दुबई : यूएइ यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि दुबई सिर्फ लघु-भारत ही नहीं बल्कि लघु विश्व भी है. भारत की आर्थिक प्रगति में दुबई में रह रहे प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आपके […]
दुबई : यूएइ यात्रा पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि दुबई सिर्फ लघु-भारत ही नहीं बल्कि लघु विश्व भी है. भारत की आर्थिक प्रगति में दुबई में रह रहे प्रवासी भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आपके कारण दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा है. मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवाद को अभी तक परिभाषित नहीं करने और आतंकवाद का प्रसार करने वाले देशों और समूहों को अभी साफ तौर पर चिह्नित नहीं करने पर भारी असंतोष जताया और कहा कि आतंकवाद की मानिसकता वाले देशों के खिलाफ एक होकर लड़ने का वक्त आ गया है. दो टूक कहा कि ‘‘ गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म, गुड तालिबान और बैड तालिबान अब नहीं चलेगा.
हर किसी को अब तय करना होगा कि आप मानव ता के साथ हैं या टेरर के. मोदी ने कहा, आतंकवाद को परिभाषित करने के बारे में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव बहुत लंबे समय से लटका पड़ा है. द्वि तीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र का जन्म पीड़ित मानव समुदाय को मरहम लगाने और आगे विश्व में ऐसे संकट की नौबत न आये, ऐसी व्यव स्था विकसि त करने के लिए हुआ था. लेकिन संयुक्त राष्ट्र अभी तक आतंकवाद की परिभाषा नहीं कर पाया है. वह यह तय नहीं कर पाया है कि आतंकवादी कौन है, किस देश को आतंकवाद का शिकार माना जाये और कि से आतंकवाद का समर्थक माना जाये.’’
दाऊद से जुड़ी सभी जानकारियं दी ?
सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच कथित तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के मुद्दे पर बात चीत हुई. भारत ने यूएइ के अधिकारियों से इस बारे में कार्रवाई करने की मांग की. खबर है कि 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम के यूएइ की कई कंपनियों में शेयर हैं और उसकी कई बेनामी संपत्ति भी है. सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सुरक्षा सलाह कार अजीत डोभाल ने दाऊद से जुड़ी सभी जानकारियों का एक डोज़ियर यूएइ सरकार को कथित तौर पर सौंपा.
अहम है यहां से आतंकवाद के खिलाफ आवाज
पाकिस्तान का नाम लिये बिना मोदी ने कहा लेकिन संयुक्त अरब अमीरात ने भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ दो टूक शब्दों में, बिना लाग लपेट के और बि ना कि सी की परवाह किये साफ शब्दों में संकेत दे दिया है. आतंकवाद के खिलाफ एकता का स्वर इस धरती से उठा है, मैं उसे बहुम अहम मानता हूं, समझने वाले समझ जायेंगे, अकलमंद को इशरा काफी है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की मानिसकता वाले देशों के खिलाफ मानवतावाद में विश्वास करने वाले देशों के एकजुट होकर लड़ने का वक्त आ गया है. अब चेती है दुनिया, हम 40 साल से हैं आतंकवाद के शिकार मोदी ने कहा कि आज आतंकवाद का नाम सुनकर दुनिया कांप उठती है, लेकि न हिंदुस्ता न के लोग 40 साल से आतंकवाद के शि कार हैं. हमारे निर्दोष लोग आतंकवादियों की गोलियों से भून दिये गये, मौत के घाट उतार दिये गये. 30 साल पहले दुनिया के लोगों को आतंकवाद के विषय की समझ नहीं थी और मैं उनसे टेररिज्म की बात करता था, तब वे समझ नहीं पाते थे और कहते थे कि यह कानून व्यवस्था और पुलिस का मामला है. लेकि न अब वे समझ गये हैं कि आतंकवाद कितना भयंकर होता है. आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती. पता नहीं कब कहां से आकर कोई कि सपर हमला कर दे.
यूएइ का आभार, जो दिया साथ
मोदी ने कहा, ‘‘भारत लगातार आतंकवाद की हरकतों को ङोलता रहा है. मानवता की मानिसकता वाले देशों को आतंकवाद की मानिसकता वाले देशों और समुदायों के खिलाफ एक होकर लड़ने का वक्त आ गया है. आतंकवाद के खिलाफ लडाई में यूएइ द्वारा भारत का खुलकर साथ दिये जाने पर खुशी जताते हुए मोदी ने कहा कि यूएइ ने भारत में सिर्फ 4.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का ही संकल्प नहीं किया है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकेत दिया है.
आतंकवाद से दो-दो हाथ
भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने उन देशों की कड़ी निंदा की जो अन्य देशों के विरुद्ध आतंकवाद को प्रयोजित कर रहे हैं. साथ ही सभी देशों से आतंकवाद के आधारभूत ढांचे को ध्वस्त करने को कहा. इसे एक तरह से पाकिस्ता न के संदर्भ में देखा जा रहा है. राज्य प्रायोजि त आतंकवाद सहित सभी स्वरूपों वाले आतंकवाद का विरोध किया.
A . दोनों देश आतंकवाद के विरुद्ध अभियानों में सहयोग को बढ़ावा देने, खुफिया जानकारी साझा करने और इस संबंध में क्षमता उन्नयन करने पर सहमत. वैसे समूह और देश जो राजनीति क उद्देश्यों के लिए आतंकवाद को उचित ठहराते हैं और कट्टरवाद को बढावा देने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं उनके खि लाफ मुहि म चलाने में करेंगे सहयोग.
B. दोनों देशों ने जहां भी आतंकवाद के आधारभूत ढांचे हैं, उन्हें ध्वस्त करने और आतंकवाद के षडयंत्रकर्ता ओं को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का आह्वान किया.
भारत में निवेश बढ़ाकर 75 अरब डॉलर करेगा यूएइ
आर्थिक संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए संयुक्त अरब अमीरात ने भारत में अपने निवेश को समर्पित आधारभूत संरचना कोष के जरिये बढ़ा कर 75 अरब डॉलर यानी पांच लाख करोड़ रुपये तक करने पर सहमति जतायी. दोनों देश अगले पांच साल में आपसी व्यापार को बढ़ा कर लगभग 100 अरब डॉलर करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी और यूएइ के शहजादे मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान ने दाेनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीति क साझेदारी में बदलने का निर्णय किया.
संयुक्त बयान की मुख्य बातें
1. दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में रणनीति क साझेदारी के लि ए सहमत. इसके तहत यूएइ, भारत में पेट्रोलिय म क्षेत्र में शामिल होगा और तीसरे देशों में गंठजोड़ किया जायेगा.
2. दोनों देश आपसी व्या पार को और प्रोत्साहि त करेंगे. इसके लिए अपने क्षेत्रों और उसके बाहर भी सहयोग करेंगे. अगले पांच सालों में आपसी व्यापार में 60 % वृद्धि के लक्ष्य के साथ दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग को विस्तार देने का निर्णय किया.
3. यूएइ ने भारत को नि वेश के नये अवसरों वाला देश स्वीकार किया. दोनों देशों ने यूएइ की निवेश संस्थाओं द्वारा भारत में उनके निवेश को बढ़ाने को प्रोत्साहित करने का निर्णय किया. इसके लिए यूएइ-भारत ढांचागत कोष का गठन होगा .
4. भारत में रेलवे, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डा, औद्योगि क गलियारे और पार्क जैसी नयी पीढ़ी की आधारभूत संरचना को तेजी से बढ़ाने में यूएइ मदद करेगा.
5. यूएइ छोटे और मध्यम उद्यमों में भारत की विशेषज्ञता का इस्ते माल करेगा जिससे कि यूएइ में विविध तपूर्ण औद्योगि क आधार तैयार हो सके. इससे भारतीय उद्यमों को भी लाभ होगा.
रक्षा, सुरक्षा पर विशेष जोर
दोनों देशों ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत रणनीति क सुरक्षा वार्ता शुरू करने और रक्षा संबंध मजबूत करने के अलावा आतंकवाद को रोकने, मनी लाउंड्रिंग, मादक पदार्थों की तस्करी और एक देश की सीमा से आगे दूसरे देश की सीमा के अंदर तक होने वाले अपराधों का मुकाबला करने के लिए साथ काम करने का फैसला किया.
मुख्य बातें
1. दोनों देश कट्टरपंथी गतिविधियों को बढावा देने वाले कोषों के नियंत्रण , नियमन और इनके प्रवाह के बारे में सूचना साझा करेंगे. इसके अवैध प्रवाह को रोकने और संबद्ध लोगोंऔर संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी दोनों देश राजी हुए.
2. सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों ने एक रणनीति क सुरक्षा वार्ता शुरू करने का फैसला किया .
3. दोनों देश अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच वार्ता के लिए भी राजी हुए. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, दोनों देशों की सुरक्षा से जुड़े उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ हर छह महीने पर मिलेंगे.
