मिर्जापुर में तेंदुआ के पांच जिंदा बच्चे मिले

रानीगंज: बौंसी थाना क्षेत्र के मिर्जापुर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 10 में गुरुवार की सुबह एक किसान को मकई खेत में तेंदुआ का पांच बच्च मिला. इससे स्तब्ध किसान प्रदीप शर्मा ने आनन-फानन में संबंधित सूचना आस-पास के लोगों को दी. देखते ही देखते मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. स्थानीय मुखिया की सहमति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 22, 2015 8:47 AM

रानीगंज: बौंसी थाना क्षेत्र के मिर्जापुर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 10 में गुरुवार की सुबह एक किसान को मकई खेत में तेंदुआ का पांच बच्च मिला. इससे स्तब्ध किसान प्रदीप शर्मा ने आनन-फानन में संबंधित सूचना आस-पास के लोगों को दी. देखते ही देखते मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. स्थानीय मुखिया की सहमति से तेंदुआ के पांचों बच्चों को ग्रामीणों ने गांव लाया.

इस दौरान ग्रामीणों ने बाघ के बच्चे की होने की आशंका जतायी. मुखिया प्रदीप कुमार ने मामले की सूचना वन अधिकारी व बौंसी थानाध्यक्ष को दी. सूचना पर थानाध्यक्ष मो जैनिफउद्दीन, वनपाल प्रदीप कुमार सिंह, डीएफओ केके अकेला व रेंजर सहित अन्य पुलिस व वन कर्मी मौके पर पहुंचे. वन अधिकारियों ने मामले की जानकारी ग्रामीणों से ली.

खेत के कोने में छिपे थे बच्चे : सुबह लगभग छह बजे किसान प्रदीप शर्मा मकई की फसल काटने अपने खेत गये थे. इस दौरान खेत के एक कोने में प्रदीप ने तेंदुआ के पांचों बच्चों को छुपा हुआ देखा. बाघ का बच्च होने की आशंका जताते हुए उन्होंने ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी. इसकी खबर मिलते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. मामले की सूचना मुखिया को भी दी गयी. उन्होंने सभी बच्चे को सुरक्षित गांव लाया.

तेंदुआ की मौजूदगी से नहीं किया गया इनकार : तेंदुआ का पांच बच्च मिलने की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है. हालांकि ग्रामीणों को सुबह लगभग छह बजे तेंदुआ का बच्च मिला था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक दोपहर बाद लग पायी. इस बीच गांव में कौतूहल का माहौल रहा.

कोई बच्चे को बोतल के सहारे दूध पिलाने का प्रयास कर रहा था, तो उनको गोद में लेकर दुलार रहा था, कोई इसे दो दिन का बच्च कहता, तो कोई मकई खेत से गांव लाते ही बच्चे का आंख खुलने की बात कहता. हालांकि मौके पर ग्रामीणों में बाघ का बच्च पकड़ने को लेकर उत्साह था, लेकिन कहीं न कहीं क्षेत्र में तेंदुआ की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत है. वहीं वनपाल ने पांचों बच्चे की उम्र लगभग बीस दिन बताते हुए कहा कि क्षेत्र में तेंदुआ का बच्च मिलने से तेंदुआ की मौजूदगी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. पांचों बच्चों को अररिया में चिकित्सकीय जांच के बाद पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान भेजने की बात वनपाल ने कही.

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