रवींद्रनाथ ठाकुर के ”काबुलीवाला” ने हमें एक ब्रांड दिया: अशरफ गनी

नयी दिल्ली : अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज कहा कि रवींद्रनाथ ठाकुर की लघुकथा काबुलीवाला ने ब्रांड अफगानिस्तान के लिए इतना योगदान दिया जो अरबों डॉलर खर्च करके भी संभव नहीं है. गनी ने इस क्षेत्र के लिए आतंकवाद को बडी चुनौती बताया और कहा कि उनकी सरकार अफगानिस्तान को आतंक की कब्रगाह बनाने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2015 7:27 PM

नयी दिल्ली : अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज कहा कि रवींद्रनाथ ठाकुर की लघुकथा काबुलीवाला ने ब्रांड अफगानिस्तान के लिए इतना योगदान दिया जो अरबों डॉलर खर्च करके भी संभव नहीं है.

गनी ने इस क्षेत्र के लिए आतंकवाद को बडी चुनौती बताया और कहा कि उनकी सरकार अफगानिस्तान को आतंक की कब्रगाह बनाने को प्रतिबद्ध है. उन्होंने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक जुडाव के बारे में बाते करते हुए भारतीय लोकतंत्र की भरपूर सराहना की.
काबुलीवाला में रवींद्रनाथ ठाकुर ने एक ऐसे अफगान नागरिक की कहानी बयां की है जो इस इरादे के साथ भारत की यात्रा करता है कि वह अधिक पैसे कमाकर कर्ज का भुगतान करेगा और अफगानिस्तान में अपना घर बचाएगा.
अफगान राष्ट्रपति ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा प्रेस वार्ता में कहा, इस मौके पर मैं रवींद्रनाथ ठाकुर का आभार व्यक्त करना चाहूंगा. काबुलीवाला ने हमें ऐसा ब्रांड दिया जो हम एक अरब डॉलर का विज्ञापन देकर भी नहीं पा सकते थे. उन्होंने कहा, मैं खुश हूं कि पुराने नजरिए को देखा जा रहा है और नए दौर की तैयारी की जा रही है जो आपको अफगानिस्तान के भीतर और अधिक विश्सनीयता वाली मौजूदगी प्रदान करेगा.
गनी ने ठाकुर के काम को तहेदिल से याद किया और कहा कि बचपन में उन्हें उनके दादा ने इस सुप्रसिद्ध साहित्यकार के बारे में पढाया था. उन्होंने कहा, मैं ठाकुर के बारे में बात करना चाहता हूं क्योंकि मैं अपने दादा के साथ उनके बारे में पढकर बडा हुआ. मेरे दादा देहरादून में रहते थे. गनी ने अबुल कलाम आजाद, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु के बारे में भी बात की तथा भारतीय लोकतंत्र की जमकर सराहना की.
उन्होंने कहा, अबुल कलाम आजाद, महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरु सिर्फ नाम नहीं थे बल्कि आदर्श जन नेता थे. कानून का शासन, समता और बदलाव के विमर्श को लेकर मैं भारतीय लोकतंत्र को याद करना चाहूंगा. अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य शांति है क्योंकि आतंक का साया हमेशा बच्चे, महिलाओं और युवकों का पीछा करता है.
दक्षेस पर उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आर्थिक रुप से जीवंत होना चाहिए और वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापक आदान-प्रदान के लिए संपर्क में सुधार किया जाना चाहिए.

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