परेशान करने वालों से थोड़ा संभल कर

दक्षा वैदकर हम रोजाना तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं. कुछ का व्यवहार हमारे दिल को छू जाता है, तो कुछ के साथ थोड़ी देर बात करने पर ही दूर रहने की इच्छा होने लगती है. पेशेवर वातावरण में भी इस तरह के लोगों से अक्सर वास्ता पड़ता है. अगर ये बिजनेस एसोसिएट्स हुए या […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2015 5:32 AM

दक्षा वैदकर

हम रोजाना तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं. कुछ का व्यवहार हमारे दिल को छू जाता है, तो कुछ के साथ थोड़ी देर बात करने पर ही दूर रहने की इच्छा होने लगती है. पेशेवर वातावरण में भी इस तरह के लोगों से अक्सर वास्ता पड़ता है.

अगर ये बिजनेस एसोसिएट्स हुए या फिर साथ काम करने वाले सहकर्मी हुए, तो वाकई जीना मुश्किल हो जाता है. हालांकि ऐसे लोग जिंदगी में जरूरी भी होते हैं, क्योंकि ये आपकी सहनशक्ति बढ़ाते हैं. बस आपको इनसे निपटने के तरीके आने चाहिए. इसके लिए पहले तो आपको खुद को थोड़ा-सा बदलना होगा, ताकि बेकार जाती ऊर्जा नष्ट न हो. आपको चीजों को इग्नोर करने की आदत डालनी होगी और गुस्से पर काबू रखना होगा. तुरंत उल्टा जवाब देने की आदत सुधारनी होगी.

एक बात और, पेशेवरों के लिए एक चीज हमेशा स्पष्ट होनी चाहिए कि आप किसी व्यक्ति को अपने नजदीक आने का कितना स्पेस देंगे. परेशानी उत्पन्न करने वाले सहकर्मियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए सीमा तय करें. उनसे उतनी ही बातें करें, जो आपके कार्य संबंधी हों. बाकी समय उनसे दूरी रखना ही बेहतर है. उसके बाद जब भी आपको लगे कि ऐसे कर्मचारियों को जवाब देना जरूरी है, तो खुद जवाब न दें. इसमें उच्च अधिकारियों की मदद लें.

किसी भी अप्रिय घटना की जानकारी सीनियर्स को पहले दें. याद रखें, परेशान करने वाले कर्मी के व्यवहार को व्यक्तिगत तौर पर लेने से आपकी दक्षता प्रभावित हो सकती है और ऑफिस में आपकी इमेज पर भी असर पड़ सकता है.

चंद शब्दों में अगर आप टिप्स चाहते हैं, तो इन बातों को हमेशा याद रखें – (1) अपने व्यक्तित्व को गरिमामय बनाये रखें. बहुत ज्यादा हंसी-मजाक करना ठीक नहीं.

ऐसा इसलिए ताकि कोई कुछ बोलने के पहले सौ बार सोचे. (2) लंच टाइम या ब्रेक टाइम में अपने ग्रुप के साथ रहें. (3) दोस्ताना व्यवहार रखें, पर दोस्ती प्रगाढ़ न करें. (4) दया का भाव रखें और जरूरत के समय मदद करें.

जो परेशान करने वाला व्यक्ति है, उसकी भी मदद को तत्पर रहें. (5) ऐसे लोगों से बात करते समय सही शब्दों का चयन करें.

बात पते की..

ऐसे लोगों से घबरा कर नौकरी छोड़ने, डिपार्टमेंट चेंज करवाने जैसा कदम न उठायें. इनसे डील करने का हुनर सीखें. यह हर जगह काम आयेगा.

आपकी लाइफ में ऐसे लोगों की संख्या जितना अधिक होगी, आप उतने ही अधिक संयमी बनेंगे, समझदार होंगे और भाषा पर पकड़ मजबूत होगी.

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