हर परेशानी उन्नति की ओर ले जाती है

दक्षा वैदकर बात बहुत पुरानी है. एक राजा ने मुख्य मार्ग पर बीचो-बीच एक बड़ा पत्थर रखवा दिया. वह एक पेड़ के पीछे छिप कर यह देखने लगा कि कोई उस पत्थर को हटाता है या नहीं.कई राजदरबारी और व्यापारी वहां से गुजरे और उनमें से कई ने ऊंचे स्वर में राजा की इस बात […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 23, 2015 1:46 AM

दक्षा वैदकर

बात बहुत पुरानी है. एक राजा ने मुख्य मार्ग पर बीचो-बीच एक बड़ा पत्थर रखवा दिया. वह एक पेड़ के पीछे छिप कर यह देखने लगा कि कोई उस पत्थर को हटाता है या नहीं.कई राजदरबारी और व्यापारी वहां से गुजरे और उनमें से कई ने ऊंचे स्वर में राजा की इस बात की निंदा की कि राज्य की सड़क व्यवस्था ठीक नहीं है, लेकिन किसी ने भी उस पत्थर को हटाने का कोई प्रयास नहीं किया.

फिर वहां से एक किसान गुजरा, जिसकी पीठ पर अनाज का बोरा लदा हुआ था. पत्थर के पास पहुंचने पर उसने अपना बोझा एक ओर रखा और पत्थर हटाने का प्रयास करने लगा.

बहुत परिश्रम करने के बाद वह सफल हो गया. किसान यह देख कर हैरान रह गया कि जिस जगह से पत्थर हटा, वहां एक पोटली में सोने के ढेर सारे सिक्के थे और राजा का लिखा हुआ एक पत्र था. पत्र में लिखा था कि सोने के सिक्के पत्थर हटाने वाले के लिए उपहार स्वरूप थे. उस किसान ने इससे वह सबक सीखा जो हममें से बहुत कम ही समझ पाते हैं. दरअसल, यह कहानी हमें सीख देती है कि ‘हमारे मार्ग में आने वाली हर बाधा हमें उन्नति करने का अवसर प्रदान करती है.’

कई बार ऐसा होता है कि हम सड़क पर घायल किसी इंसान की मदद करने से घबराते हैं, यह सोच कर कि किसी चक्कर में न फंस जाएं. लेकिन हम भूल जाते हैं कि दूसरों की भलाई के लिए किया गया यह काम हमारे कर्मो में जुड़ता चला जाता है.

वह इंसान खुद भले ही हमें बदले में कुछ फायदा न दे पाये, लेकिन कोई है, जो दूर आकाश से आपकी हर अच्छी बात नोट कर रहा है. वह आज नहीं, तो कल आपके ऊपर फैसला सुनाते वक्त इन बातों का भी जरूर ख्याल रखेगा. यह भी हो सकता है कि आज आप किसी अनजाने की मदद करें और कल कोई अनजाना व्यक्ति आपके परिवार के प्रिय सदस्य की इसी तरह मदद करे.

यह कहानी एक और सीख देती है कि कभी भी परिश्रम बेकार नहीं जाता. जिस तरह किसान का पत्थर को हटाने का परिश्रम बेकार नहीं गया, उसी तरह अगर हम लगातार परिश्रम करें, तो किसी न किसी रूप में हमारा फायदा जरूर होगा

बात पते की..

– जब भी कोई चीज ऐसी देखें, जो आपकी थोड़ी-सी पहल से ठीक हो सकती है, तो यह काम जरूर करें. आपकी यह मेहनत आपको फल जरूर देगी.

– जब आप किसी के लिए नि:स्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करते हैं, तो यह सत्कर्म घूम-फिर कर आपको और आपके परिवार को लाभ पहुंचाते हैं.

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