आपकी परेशानी तो कुछ भी नहीं है

दक्षा वैदकर पिछले दिनों फेसबुक पर मैंने एक स्केच देखा. फटे-पुराने कपड़े पहना हुआ एक आदमी सड़क किनारे उदास बैठा था, यह सोच कर कि उसके पास पहनने को जूते नहीं हैं. तभी उसने उस आदमी को देखा, जिसके पैर ही नहीं हैं और वह मुस्कुरा रहा था.उसने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि कम-से-कम उसे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 22, 2015 6:23 AM
दक्षा वैदकर
पिछले दिनों फेसबुक पर मैंने एक स्केच देखा. फटे-पुराने कपड़े पहना हुआ एक आदमी सड़क किनारे उदास बैठा था, यह सोच कर कि उसके पास पहनने को जूते नहीं हैं. तभी उसने उस आदमी को देखा, जिसके पैर ही नहीं हैं और वह मुस्कुरा रहा था.उसने ईश्वर को धन्यवाद दिया कि कम-से-कम उसे पैर तो दिये हैं. वह अपना दुख भूल गया. यह स्केच देख मैंने सोचा कि इस स्केच ने दुख भुलाने का बेहतरीन तरीका बताया है.
ऐसी कई परेशानियां हैं, जो हम किसी दूसरों को देख कर तुरंत भूल सकते हैं. जब भी आपको गुस्सा आये या आप उदास हों और सोचें कि मेरे मम्मी-पापा अच्छे नहीं हैं. मुङो मेरी पसंद की चीजें नहीं दिलाते, तो अनाथ आश्रम जा कर उन बच्चों से जरूर मिलें, जिनके माता-पिता ही नहीं हैं.
अगर आपको लगता है कि आप इस दुनिया में अकेले हैं, आपको कोई प्यार नहीं करता, तो कभी उन बच्चियों से जा कर मिलें, जो आश्रमों में पल रही हैं. उनकी कहानी सुन कर आप रो देंगे, जब आपको पता चलेगा कि उन मासूमों को कचरे के डब्बे में छोड़ दिया गया, क्योंकि वे लड़कियां हैं.
अगर आप अपने ज्यादा नंबर वाले चश्मों से परेशान हैं और सोचती हैं कि ये आपका लुक खराब कर रहे हैं, तो उन लोगों से मिलें, जिन्हें भगवान ने आंखें ही नहीं दी. यदि आप यह सोच कर परेशान हैं कि शाम की पार्टी में जाने के लिए आपके पास नये कपड़े नहीं हैं, तो सड़क किनारे रह रहे उन लोगों को जरूर देखें, जिनके पास तन ढकने के लिए भी कपड़े नहीं हैं. यदि आप इस बात से परेशान हैं कि आपने सालभर काम किया, फिर भी आपका इंक्रीमेंट 2-3 हजार रुपये ही हुआ, तो उन लोगों से बात करें, जो कई सालों से नौकरी तलाश रहे हैं.
यदि कार से उतरने वाले अमीर लोगों को देख कर आप अपना खून जलाते हैं, तो अपने आसपास नजर दौड़ाइये. आपको ऐसे कई लोग मिल जायेंगे, जिनके पास बाइक तो क्या, साइकिल की भी सुविधा नहीं है. वे कई किलोमीटर पैदल ही चल कर जाते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जो आपकी तरह बाइक या स्कूटी नहीं खरीद सकते और बस या ऑटो में सफर करते हैं.
बात पते की..
प्रत्येक इनसान को किसी न किसी बात का गम है. यह भी सच है कि सभी को दूसरों के मुकाबले कुछ चीजें कम मिली हैं और कुछ चीजें ज्यादा.
हर व्यक्ति को अपनी तकलीफ बड़ी लगती है. जब भी आपके साथ ऐसा हो, घर से बाहर निकलें और हर छोटे व्यक्ति पर गौर करें. अच्छा फील होगा.

Next Article

Exit mobile version