हर मुसीबत से पार पाया जा सकता है
दक्षा वैदकर एक राजा था. वह एक दिन अपने वजीर से नाराज हो गया और उसे एक बहुत बड़ी मीनार के ऊपर कैद कर दिया. एक प्रकार से यह अत्यंत कष्टप्रद मृत्युदंड ही था. न तो उसे कोई भोजन पहुंचा सकता था और न उस गगनचुंबी मीनार से कूद कर उसके भागने की कोई संभावना […]
दक्षा वैदकर
एक राजा था. वह एक दिन अपने वजीर से नाराज हो गया और उसे एक बहुत बड़ी मीनार के ऊपर कैद कर दिया. एक प्रकार से यह अत्यंत कष्टप्रद मृत्युदंड ही था. न तो उसे कोई भोजन पहुंचा सकता था और न उस गगनचुंबी मीनार से कूद कर उसके भागने की कोई संभावना थी.
जिस समय उसे पकड़ कर मीनार पर ले जाया जा रहा था, लोगों ने देखा कि वह जरा भी चिंतित और दुखी नहीं है. उल्टे सदा की भांति आनंदित और प्रसन्न है. उसकी पत्नी ने रोते हुए उसे विदा दी और पूछा, तुम इतने प्रसन्न क्यों हो? उसने कहा, यदि रेशम का एक बहुत पतला धागा भी मेरे पास पहुंचाया जा सकता, तो मैं स्वतंत्र हो जाऊंगा.
क्या इतना-सा काम भी तुम नहीं कर सकोगी?उसकी पत्नी ने बहुत सोचा, लेकिन इतनी ऊंची मीनार पर रेशम का पतला धागा पहुंचाने का कोई उपाय उसकी समझ में नहीं आया. तब उसने एक फकीर से पूछा. फकीर ने कहा- भृंग नाम के कीड़े को पकड़ो. उसके पैर में रेशम के धागे को बांध दो और उसकी मूंछों के बालों पर शहद की एक बूंद रख कर उसका मुंह चोटी की ओर करके मीनार पर छोड़ दो.
उसी रात को ऐसा किया गया. वह कीड़ा सामने शहद की गंध पा कर, उसे पाने के लोभ में धीरे-धीरे ऊपर चढ़ने लगा और आखिर उसने अपनी यात्रा पूरी कर ली.
रेशम के धागे का एक छोर कैदी के हाथ में पहुंच गया. रेशम का यह पतला धागा उसकी मुक्ति और जीवन बन गया. पत्नी ने फिर सूत का धागा रेशम से बांध दिया. पति ने उसे भी धीरे-धीरे अपनी ओर खींच लिया. सूत के धागे से डोरी और देखते ही देखते डोरी से मोटी रस्सी बना ली. उस रस्से के सहारे वह कैद से मुक्त हो गया.
हम आम लोग अक्सर मुसीबत को सामने देख कर बहुत घबरा जाते हैं. इसकी वजह से ही हम मुसीबत से बाहर निकलने का रास्ता खोज नहीं पाते. हमारा ध्यान सिर्फ रोने-धोने में लगा रहता है. इस कारण से हमारी सोचने की क्षमता खत्म हो जाती है. यदि हम गौर करेंगे, तो पायेंगे कि ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिससे बाहर निकला न जा सके.
बात पते की..
– सूर्य तक पहुंचने के लिए प्रकाश की एक किरण ही काफी है. उस किरण को किसी के पास पहुंचाने की जरूरत नहीं. वह सभी के पास मौजूद है.
– जब भी कोई मुसीबत आप पर आये, संयम रखें. अपना मानसिक संतुलन बनाये रखें और विश्वास रखें कि आप इससे बाहर निकल जायेंगे.