जितनी जल्दी हो सके ‘कंफर्ट जोन’ से निकलें

दक्षा वैदकर कंपनी में कितनी भी ऊंची साख हो आपकी, लेकिन 40-50 की उम्र के बाद से ही बड़े पदों पर बैठे नौकरीपेशा लोगों को अपनी नौकरी खोने का एक भय जरूर होता है. जबकि इन कर्मचारियों को नौकरी बदलने के कई अवसर भी मिलते हैं तथा कंपनियां भी अनुभवी, जिम्मेवार तथा परफॉर्मेस ओरिएंटेड कर्मचारी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 14, 2015 10:59 PM

दक्षा वैदकर

कंपनी में कितनी भी ऊंची साख हो आपकी, लेकिन 40-50 की उम्र के बाद से ही बड़े पदों पर बैठे नौकरीपेशा लोगों को अपनी नौकरी खोने का एक भय जरूर होता है. जबकि इन कर्मचारियों को नौकरी बदलने के कई अवसर भी मिलते हैं तथा कंपनियां भी अनुभवी, जिम्मेवार तथा परफॉर्मेस ओरिएंटेड कर्मचारी को खोना नहीं चाहती हैं.

एक रिक्रूटमेंट फर्म के मुताबिक, कुछ लोग अपने करियर में 15 नौकरियां तक बदल लेते हैं, तो कुछ एक ही नौकरी में सारी उम्र गंवा देते हैं. सच यही है कि सिर्फ जीनेभर के लिए ‘कंफर्ट जोन’ ठीक है, पर ड्रीम सक्सेस के लिए कंफर्ट जोन से बाहर निकलना जरूरी है.

कई बार परिस्थितियां ऐसी आती हैं, जो आपको कंफर्ट जोन से बाहर निकालने के लिए मजबूर करती हैं. ऐसे में हम उदास हो जाते हैं. जबकि सच तो यह है कि जिन्होंने चुनौती के लिए खुद को कंफर्ट जोन से बाहर निकाला, वे आज शीर्ष पदों पर हैं. कंफर्ट जोन से निकलने का साहस, उनके आत्मसम्मान तथा आत्मविश्वास को बढ़ाता गया और वे आज सफल व दूसरों के लिए प्रेरणास्नेत हैं.

कंफर्ट जोन में अधिक समय तक रहना ब्रेन की क्षमता तथा आपकी मार्केट वैल्यू को कम कर देता है. कई स्थापित पेशेवर, लंबे अनुभव के बाद भी अपनी नौकरी को सुरक्षित मानने की गलती करते हैं. सैकड़ों कॉरपोरेट लीडर्स मानते हैं कि उन्होंने अपने सपोर्ट नेटवर्क तैयार नहीं किये. अपने गुणों को अपडेट नहीं रखा, न अपने क्षेत्र के नये ट्रेंड्स पर नजर दौड़ाई. उन लोगों के संपर्क में भी नहीं रहे, जो उनकी बेहतर मदद कर सकते थे और यही उनकी सबसे बड़ी गलती थी.

बेहतर है कि आप नौकरी से खुश हैं, तो भी सालभर में कम-से-कम एक इंटरव्यू जरूर दें, ताकि पता चले कि आपकी मार्केट वैल्यू क्या है? कौन-सी कंपनी आपके टैलेंट को आजमा सकती है? याद रखें, कंफर्ट जोन एक किस्म की मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को सबकुछ परिचित-सा तथा नियंत्रण में अनुभव होता है. इस स्थिति को जितनी जल्दी तोड़ेंगे, बेहतर होगा.

बात पते की..

– ऐसी कई चीजें हैं, जो आपको कंफर्ट जोन से बाहर निकलने नहीं देती, जैसे पहली बार घर छोड़ना, होमटाउन छोड़ना, दूसरे शहर में बसने का डर.

– एक नौकरी जिंदगीभर नहीं करनी चाहिए. इससे आपके टैलेंट को जंग लग सकती है. जितनी नौकरी बदलेंगे, उतने आपके अनुभव बढ़ेंगे.

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