अगले सप्ताह ईरान परमाणु विधेयक पर चर्चा करेगी अमेरिकी सीनेट

वाशिंगटन : अमेरिकी सीनेट के बहुमत के नेता मिच मैककॉनेल ने अगले सप्ताह ईरान परमाणु विधेयक पर बहुदलीय चर्चा शुरू होने की संभावना जतायी है जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा को ईरान के साथ किसी भी परमाणु करार पर स्वीकृति के लिए इसे अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष पेश करना जरुरी होगा. चर्चा से ईरान पर नये […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 4, 2015 4:14 PM

वाशिंगटन : अमेरिकी सीनेट के बहुमत के नेता मिच मैककॉनेल ने अगले सप्ताह ईरान परमाणु विधेयक पर बहुदलीय चर्चा शुरू होने की संभावना जतायी है जिसमें राष्ट्रपति बराक ओबामा को ईरान के साथ किसी भी परमाणु करार पर स्वीकृति के लिए इसे अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष पेश करना जरुरी होगा. चर्चा से ईरान पर नये आर्थिक प्रतिबंधों पर विचार के रास्ते भी खुलेंगे. ईरान के साथ जारी अंतरराष्ट्रीय वार्ता के बीच ओबामा प्रशासन की ओर इस कदम का मजबूती से विरोध किया गया.

मैककॉनेल ने कल संवाददाताओं को बताया, ‘किसी भी परमाणु करार पर अमेरिकी कांग्रेस की समीक्षा को जरुरी बताने वाला यह विधेयक अगले सप्ताह चर्चा के लिए सीनेट में पेश किया जाएगा.’ करार पर स्वीकृति देने या फिर इसे खारिज करने को लेकर सुनवाई आयोजित करने और ब्रीफिंग के लिए अमेरिकी कांग्रेस को 60 दिन का वक्त दिया जाएगा.

व्हाइट हाउस ने पहले ही इस कानून पर वीटो की धमकी दी है क्योंकि प्रशासन कांग्रेस की दखल के बिना ईरान और अन्य अंतरराष्ट्रीय वार्ताकारों के साथ समझौते का हल तलाशने में लचीला रुख चाहता है. विधेयक को सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर और पैनल के शीर्ष डेमोक्रेट सीनेटर रॉबर्ट मेनेनडेज लेकर आए थे.

मैककॉनेल ने कहा, ‘इसका समय महत्वपूर्ण है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इससे प्रशासन को किसी बेकार करार से जुडने से रोकने मदद मिलेगी. बहरहाल, यदि ऐसा वे करते हैं तो यह कांग्रेस को इस पर समीक्षा करने का एक मौका मुहैया कराएगा.’ मैककॉनेल की यह घोषणा इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अमेरिकी कांग्रेस में एक विवादास्पद भाषण दिए जाने के तुरंत बाद आई जिसमें उन्होंने ईरान परमाणु के वैश्विक खतरे की चेतावनी देते हुए अमेरिका को किसी बेकार करार के पचडे में नहीं पडने की सलाह दी थी. मैककॉनेल ने कहा, ‘निश्चित रूप से यदि कोई संधि नहीं होता तो हमें प्रतिबंधों को बढाने की जरुरत होगी.’

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