यूट्यूब पर इच्छामृत्यु की ख्वाहिश रखने वाली किशोरी से मिलीं चिली की राष्ट्रपति

सैंटियागो (चिली) : यूट्यूब पर इच्छामृत्यु की इच्छा प्रकट कर देश को हिलाकर रख देने वाली एक 14 साल की किशोरी से चिली की राष्ट्रपति ने अस्पताल में जाकर मुलाकात की. बच्ची ने यूट्यूब पर एक वीडियो में गुहार लगाई थी कि उसके चिकित्सकों को उसे इच्छामृत्यु प्रदान करने की अनुमति दें क्योंकि वह अपनी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 1, 2015 11:55 AM

सैंटियागो (चिली) : यूट्यूब पर इच्छामृत्यु की इच्छा प्रकट कर देश को हिलाकर रख देने वाली एक 14 साल की किशोरी से चिली की राष्ट्रपति ने अस्पताल में जाकर मुलाकात की. बच्ची ने यूट्यूब पर एक वीडियो में गुहार लगाई थी कि उसके चिकित्सकों को उसे इच्छामृत्यु प्रदान करने की अनुमति दें क्योंकि वह अपनी सांस लेने में तकलीफ :सिस्टिक फाइब्रोसिस: की आनुवांशिक बीमारी से बहुत मुश्किल लडाई लड रही है. गुरुवार को सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद सरकार ने तुरंत मना कर दिया. सरकारी बयान में कल बताया गया कि राष्ट्रपति मिशेल बैकलेट ने वैलेंटिना मौरेरा और उसके पिता से राजधानी के कैथोलिक युनिवर्सिटी अस्पताल में लगभग एक घंटे लंबी मुलाकात की.

अधिकारियों ने मुलाकात की किसी भी जानकारी को जारी नहीं किया कि वहां उनके बीच क्या बात हुई. लेकिन सरकार ने राष्ट्रपति की इस मुलाकात के कुछ फोटो जारी किए हैं जिसमें से एक में वैलेंटिना राष्ट्रपति के साथ सेल्फी ले रही हैं. राष्ट्रपति खुद भी एक बाल रोग चिकित्सक हैं. अस्पताल के बिस्तर पर फिल्माए गए इच्छामृत्यु की मांग के वीडियो के यूट्यूब पर आने के बाद वैलेंटिना ने सभी का ध्यान खींचा. वैलेंटिना ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति से यह गुहार इसलिए लगाई थी क्योंकि मैं अपनी इस बीमारी के साथ जीते हुए थक गई हूं.’’

वैलेंटिना का बडा भाई भी इस बीमारी से छह साल की उम्र में मृत्यु को प्राप्त हो गया था. उसने कहा, ‘‘मैं उनकी अनुमति चाहती थी जिससे मुङो हमेशा के लिए सुला दिया जाता.’’ सिस्टिक फायब्रोसिस व्यक्ति के शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है विशेष रुप से व्यक्ति के फेफडों को जो कि संक्रमण फैलाकर उसके उतकों को नष्ट करता है. वैलेंटिना ने कहा कि वह अपनी जिंदगी से थक चुकी थी और यह बीमारी उसके जीवन स्तर को नुकसान पहुंचा रही थी. गुरुवार को राष्ट्रपति के प्रवक्ता एल्वारो एलिजाल्डेल ने वैलेंटिना के दु:ख पर संवेदना व्यक्त की लेकिन इस बात पर जोर दिया कि चिली का कानून इच्छामृत्यु की इजाजत नहीं देता.

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