प्रवासी पक्षियों का हो रहा शिकार

विभागीय उदासीनता : खुलेआम की जा रही प्रतिबंधित प्रवासी पक्षियों की बिक्री लालगंज के पुरैनिया व सिरसा चौर में यूरोपीय देशों से आये साइबेरियन पक्षियों का शिकार बेरोक-टोक जारी रहने से इनकी संख्या में लगातार कमी आती जा रही है. शिकारी इनको पकड़ कर बाजार में बेच रहे हैं. शिकायत करने के बाद भी न […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 23, 2015 7:33 AM
विभागीय उदासीनता : खुलेआम की जा रही प्रतिबंधित प्रवासी पक्षियों की बिक्री
लालगंज के पुरैनिया व सिरसा चौर में यूरोपीय देशों से आये साइबेरियन पक्षियों का शिकार बेरोक-टोक जारी रहने से इनकी संख्या में लगातार कमी आती जा रही है. शिकारी इनको पकड़ कर बाजार में बेच रहे हैं. शिकायत करने के बाद भी न तो विभागीय अधिकारी और न ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है.
लालगंज नगर : यूरोपीय देशों से ठंड के मौसम में आये सैलानी पक्षियों की जब अपने वतन वापसी का समय आया है,तो शिकारियों के जुल्म दिखने लगा है. लालगंज थाना क्षेत्र के पुरैनिया चौर, सिरसा चौर, वैशाली थाना क्षेत्र के सोनवर्षा चौर, अहिया चौर आदि जल प्लावित क्षेत्रों को अपनी आश्रयणी बना चुके इन साइबेरियन पक्षियों के शिकार से इतनी क्षति हुई है कि अब इनकी संख्या मात्र 10 प्रतिशत ही रह गई.
पक्षियों का शिकार कानूनन अपराध तो है ही, भगवान बुद्ध की कर्मस्थली एवं महावीर की जन्मस्थली का अपमान भी है.
शिकारियों द्वारा पकड़े गये इन
पक्षियों को खुले बाजारों में बेचा जा रहा है, लेकिन न तो विभागीय अधिकारी और न ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है.
मुजफ्फरपुर से पटना तक होती सप्लाइ
इन प्रतिबंधित पक्षियों की कीमत वैशाली गढ़ से 12 किलोमीटर उत्तर पश्चिम मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत बसैठा बाजार में दो से तीन गुनी तक बढ़ जाती है, जहां से मुजफ्फरपुर व पटना शहर तक के लोग इसकी खरीदारी करते है. लोगों ने कई बार प्रशासन पर दबाव डाल कर पक्षी पकड़ने के जाल जब्त भी कराये, शिकारी को पक्षी समेत पकड़वाया ,परंतु कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. प्रवासी पक्षी असुरक्षित ही रह रहे हैं और इनका अवैध शिकार जारी है.

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