रिश्तों को मजबूत बनाता है ‘संवाद’

अंकिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है और उसका पति रोहित सरकारी अधिकारी है. इस युवा जोड़ी को देख कर हर कोई सोचता है कि इनकी लाइफ में सब कुछ अच्छा चल रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं. दोनों शिक्षित और अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन दोनों की कमजोरी है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 24, 2015 5:24 AM
अंकिता एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है और उसका पति रोहित सरकारी अधिकारी है. इस युवा जोड़ी को देख कर हर कोई सोचता है कि इनकी लाइफ में सब कुछ अच्छा चल रहा है, लेकिन ऐसा है नहीं. दोनों शिक्षित और अच्छे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इन दोनों की कमजोरी है कि दोनों को एक-दूसरे पर यकीन नहीं है. दोनों को लगता है कि उनका जीवन साथी कुछ छिपा रहा है. शक की उनकी आदत उनके बीच कई बार तनातनी का कारण बन जाती है.
यह तो मात्र उदाहरण है, लेकिन वर्तमान समय में यह बात कई घरों में लागू हो रही है. हमारे जीवन में भरोसे की खासी अहमियत होती है. भरोसा हर इंसान को मजबूती प्रदान करता है, चाहे वह रिश्ता पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का हो, मां-बेटी का हो, बॉस-कर्मचारी का हो या फिर भाई-बहन का हो. रिश्तों में अविश्वास, शक, गुमान पालना आदि रिश्तों को खोखला ही बनाता है.
रिश्तों को मजबूत बनाये रखने में सबसे ज्यादा जरूरी है ‘संवाद’. जब रिश्तों में संवाद की कमी होने लगती है, तो एक-दूसरे के प्रति गलतफहमियां पनपनी शुरू हो जाती हैं. यह गलतफहमियां रिश्तों में टकराहट लाने का काम करती हैं. इसलिए आप चाहे पुत्र हैं या पड़ोसी. पति हैं या पत्नी. बातें शेयर करें. एक-दूसरे से विभिन्न मुद्दों पर सुझाव मांगें. इससे सामने वाले को लगता है कि उसे अहमियत दी जा रही है.
सबसे जरूरी बात, एक-दूसरे को लेकर अगर किसी को किसी तरह का शक हो, तो सामने वाले से इस पर चर्चा की जा सकती है, लेकिन आपका अंदाज अच्छा होना चाहिए, ताकि सामने वाले का दिल न दुखे. गलतफहमी होने पर उसे मन ही मन बढ़ावा देने के बजाय चर्चा करके दूर करें.
एक और जरूरी बात याद रखें कि रिश्तों में झूठ बिल्कुल न बोलें. जो भी बात हो, साफ-साफ बता दें. यकीन मानिए, आपकी साफगोई से आपके रिश्ते को और भी मजबूती मिलेगी. बात-बात पर झूठ और गोलमोल बात करने से विश्वास अपना असर खोने लगता है.
बात पते की..
रिश्ते मजबूत तभी बनेंगे, जब आप उन्हें समय देंगे. बेहतर होगा कि एक-दूसरे के लिए समय निकालें. दुख-दर्द बांटें, घूमने जाएं, पिकनिक करें.
जब आप अपनी दिनचर्या बिना बोले साफगोई से बता देंगे, तो सामने वाले का विश्वास आप पर बढ़ेगा. वह भी आपको हर चीज बताने लग जायेगा.

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