किसी से इस हद तक भी नफरत न करें

दक्षा वैदकर वह अपने बॉस से बहुत ज्यादा परेशान था. न केवल मन में उसे गाली देता था, बल्कि अपने साथियों के सामने भी देता. कोशिश करता था कि बॉस का कम-से-कम सामना हो और बिना डांट खाये वह घर भाग जाये. किसी तरह वह दिन बिताया करता. उसका मन काम में कम और इन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2014 12:20 AM

दक्षा वैदकर

वह अपने बॉस से बहुत ज्यादा परेशान था. न केवल मन में उसे गाली देता था, बल्कि अपने साथियों के सामने भी देता. कोशिश करता था कि बॉस का कम-से-कम सामना हो और बिना डांट खाये वह घर भाग जाये. किसी तरह वह दिन बिताया करता. उसका मन काम में कम और इन सब बातों ही ज्यादा लगा रहता, जिसकी वजह से उसका परफॉर्मेस और गिरता जाता और बॉस उसे अधिक डांटने लगता.

वह दिन-रात प्रार्थना करता कि काश यह बॉस चला जाये या उसे ही कहीं अच्छी जगह नौकरी मिल जाये. आखिरकार कई प्रयासों के बाद उसे एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गयी. वह खुशी से उछल पड़ा. अब उसका अपने बॉस से पीछा छूट चुका था. उसने साथी कर्मचारियों को इस बात की जानकारी दी. सभी ने उसे बधाई दी. वह बॉस से इस हद तक नफरत करता था कि उसने एक शब्द भी बिना उनसे कहे, ऑफिस छोड़ दिया. दूसरे दिन से वह नये ऑफिस जाने लगा.

उसे सब कुछ अच्छा लग रहा था. यहां पुराना खड़स बॉस जो नहीं था. जब भी कोई नया साथी उससे बात करता, पुरानी कंपनी के बारे में पूछता, वह अपने पुराने बॉस की बुराई शुरू कर देता. कुछ बातें मन से भी जोड़ देता, ताकि लोग उससे सहानुभूति रखें. लगभग एक महीना बीत गया. एक सुबह जब वह ऑफिस आया, तो उसे पता चला कि कंपनी के मालिक ने सभी की एक मीटिंग रखी है. सब हॉल में पहुंच गये. सभी को यह जानने की उत्सुकता थी कि आखिर मीटिंग किस बात की है? आखिरकार कंपनी के मालिक सामने आये. उनके साथ पुरानी कंपनी (जिसे वह बड़ी मेहनत से छोड़ कर आया था) वाले बॉस भी थे.

वह ठिठक गया. मालिक ने बताया कि अब तक आपके जो बॉस थे, उनका ट्रांसफर हो गया है. अब से यह आपके नये बॉस हैं. इन्होंने आज ही इस कंपनी को ज्वॉइन किया है. हॉल में बैठे सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से नये बॉस का स्वागत किया, सिवाय उस अकेले इंसान के. उसके दिल ने मानो धड़कना बंद कर दिया था. तभी एक साथी ने उसे कोहनी मारते हुए कहा, ‘ये ही तुम्हारा बॉस था न? हाहाहा.’ उसने हां में सिर हिला दिया.

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बात पते की..

जब भी अपनी कंपनी से इस्तीफा दें, सभी लोगों से प्रेम भाव से मिलें, उनसे पुरानी गलतियों को भूलने की बात कहें और हंसते-हंसते विदा लें.

आप जिस इनसान से नफरत करेंगे, परिस्थितियां उसे बार-बार आपके सामने लायेंगी. बेहतर होगा कि आप लोगों से प्रेम करना सीख लें.

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