दूसरों को सुधारने के पहले खुद को देखें

पिछले दिनों मैं ‘हैप्पी न्यू ईयर’ फिल्म देखने गयी. फिल्म शुरू ही हुई थी कि पीछे वाली लाइन में किसी का फोन बजा. व्यक्ति ने फोन उठाया और कहा, ‘अभी मैं फिल्म देख रहा हूं. बाहर निकलते ही कॉल करता हूं.’ मेरी लाइन में बैठे एक सज्जन यह देख कर बड़बड़ाये, ‘कैसे लोग है यार, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 31, 2014 1:14 AM

पिछले दिनों मैं ‘हैप्पी न्यू ईयर’ फिल्म देखने गयी. फिल्म शुरू ही हुई थी कि पीछे वाली लाइन में किसी का फोन बजा. व्यक्ति ने फोन उठाया और कहा, ‘अभी मैं फिल्म देख रहा हूं. बाहर निकलते ही कॉल करता हूं.’ मेरी लाइन में बैठे एक सज्जन यह देख कर बड़बड़ाये, ‘कैसे लोग है यार, फिल्म के वक्त पर तो मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए.’ लगभग आधे घंटे बाद उनका खुद का मोबाइल बजा. पैंट की जेब से निकालने में उन्होंने इतनी देर लगायी कि तब तक सभी डिस्टर्ब हो गये थे. उन्होंने भी फोन उठाया और बातचीत शुरू कर दी.

‘यार, अभी मैं फैमिली के साथ फिल्म देखने आया हूं. दरअसल बच्चे जिद कर रहे थे कि हमें शाहरुख की फिल्म देखनी है, तो उन्हें लाना ही पड़ा.. बहुत अच्छी फिल्म तो नहीं है.. बस जैसे-तैसे देख रहा हूं.. आखिर बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी है.. हां, आज ऑफिस से जल्दी आ गया था. कल तुम्हें पक्का मिलता हूं. भाभी जी को मेरा नमस्ते कहना..’ उनकी इतनी देर की बातचीत के दौरान पूरे हॉल के लोगों ने उन्हें गुस्से से घूर-घूर के देखा, लेकिन उन्होंने इसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया. फोन रखने के बाद हमारी तरफ देख कर धीमे से बोले- सॉरी.

ऐसे लोग आपको बहुत दिख जायेंगे, जो खुद नियमों का पालन नहीं करते लेकिन दूसरों को टोकते हैं. हम इस बात को भूल जाते हैं कि जो बुराई हमारे अंदर है, उसके लिए हम दूसरों को डांट नहीं सकते.

एक बार गांधी जी के पास एक महिला बच्चे को लेकर आयी और बोली, मेरा बेटा बहुत शक्कर खाता है. आप उसे कहेंगे, तो वह जरूर शक्कर छोड़ देगा. गांधी जी ने उन्हें एक हफ्ते बाद आने को कहा. एक हफ्ते बाद जब वह महिला बच्चे के साथ आयी, तो गांधी जी ने बच्चे को समझाया. महिला ने गांधी जी से पूछा, आप एक हफ्ते पहले भी तो यह बातें कह सकते थे. गांधी जी ने जवाब दिया, उस वक्त मैं खुद शक्कर का सेवन करता था. ऐसी स्थिति में मैं बच्चे को कैसे मना करता. मैंने उसी दिन से शक्कर खाना छोड़ दिया. अब मैं आपके बच्चे को भी यह सीख दे सकता हूं.

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