पटाखा छोड़ें, पर सावधानी से

खुशियां रहें बरकरार, बरतें सावधानी, उत्सव मनायें, पर इन बातों का रखें ध्यान रांची : रंग बिरंगी रोशनी और पटाखों के साथ दीपावली का आनंद मनायें लेकिन सावधानी भी बरतें ताकि त्योहार की खुशी बरकरार रहे. दीया जलाते समय और पटाखा छोड़ते वक्त हल्की सी असावधानी से त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है. पटाखे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 22, 2014 6:47 AM
खुशियां रहें बरकरार, बरतें सावधानी, उत्सव मनायें, पर इन बातों का रखें ध्यान
रांची : रंग बिरंगी रोशनी और पटाखों के साथ दीपावली का आनंद मनायें लेकिन सावधानी भी बरतें ताकि त्योहार की खुशी बरकरार रहे. दीया जलाते समय और पटाखा छोड़ते वक्त हल्की सी असावधानी से त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है.
पटाखे से निकलनेवाली चिनगारी घातक हो सकती है, अत: पटाखा छोड़ते वक्त सावधानी बरतें. बच्चों को अपनी देखरेख में ही पटाखा छोड़ने की अनुमति दें. छत एवं खाली मैदान में पटाखा छोड़े. आपकी दीपावली सुरक्षित और आनंददायक हो इसके लिए प्रभात खबर की ओर से विशेषज्ञ चिकित्सकों से का परामर्श दिया जा रहा है.
आंखों की सुरक्षा
रिम्स के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राहुल कुमार ने बताया कि आंख बहुत ही संवेदनशील अंग है. आंख में हल्का सा तिनका पड़ जाने से परेशानी हो जाती है. बारूद तो सबसे घातक होता है. पटाखा छोड़ते वक्त सबसे ज्यादा खतरा आंखों को रहता है, क्योंकि हम नजदीक जाकर पटाखा छोड़ते हैं.
सावधानी
– निश्चित दूरी से पटाखा को छोड़ें.
– पटाखा नहीं बचने पर दुबारा नजदीक जा कर ना देखें.
– अगर आंख में कुछ भी पड़ जाये तो तुरंत ठंडा पानी से धोयें.
– राहत नहीं मिलने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें.
कान-नाक एवं गला की सुरक्षा
रिम्स के इएनटी रोग विशेषज्ञ डॉ संदीप कुमार ने बताया कि दीपावली में जोरदार आवाज के पटाखे छोड़े जाते हैं. ज्यादा आवाजवाले पटाखे से आपके कान का परदा क्षतिग्रस्त हो सकता है. 140 डेसिबल से ज्यादा आवाज का पटाखा आपको बहरा बना सकता है.
सावधानी
– ज्यादा आवाज वाले पटाखे से बचें.
– छोटे बच्चे, बुजुर्ग, बीमार एवं गर्भवती महिला पटाखा नहीं छोड़ें.
– 90 डेसिबल से नीचे की आवाजवाले पटाखे का ही उपयोग करें.
– 140 व 150 डेसिबलवाले पटाखे से कान का परदा फट सकता है.
– तेज आवाज से दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक से मिले
त्वचा की सुरक्षा
रिम्स के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि पटाखा एवं दीया जलाते समय सबसे ज्यादा प्रभावित त्वचा होती है. दीया एवं पटाखे से त्वचा जल सकती है. इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए. पटाखों के कारण दो प्रकार से संक्रमण हो सकता है. पहला जलने से एवं दूसरा इसके दुष्प्रभाव से.
सावधानी
– बहते हुए ठंडे पानी से धोयें.
– जले हुए स्थान को रगड़े नहीं.
– फफोले बन जाने पर छेड़छाड़ न करे.
दीवाली में पटाखे छोड़ते समय बरते सावधानियां
दीवाली के मौके पर सजना संवरना हर किसी को अच्छा लगता है. पर पटाखे जलाते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. पूजा के दौरान आप अपनी पसंद के किसी भी तरह के कपड़े पहन सकते है, पर पटाखे छोड़ते समय सिंथेटिक कपड़े नहीं पहनना चाहिए. स्किन स्पेशलिस्ट डॉ सरोज रॉय ने बताया कि बच्चे के साथ बड़े को भी चाहिए पटाखे जलाते समय कॉटन के कपड़े ही पहनने चाहिए.
इस समय ढीला-ढाला कपड़ा नहीं पहनना चाहिए. इस समय हमेशा प्रोटेक्टिव कपड़ें ही पहनें. महिलाओं को अपनी साड़ी के पल्लू को हमेशा बांध कर या लपेट कर ही पटाखा जलाना चाहिए. यदि आप लहंगा, घाघरा या लांग सूट पहनी हैं तो अपने कपड़ों पर विशेष ध्यान दें. बच्चों को भी पटाखे जलाने के समय ढीला-ढाला कपड़ा न पहनने दें.

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