हज यात्रा शुरू, मीना पहुंचने लगे हज यात्री

मीना : हज के पहले चरण की आज हुई शुरुआत में भारतीय मुसलमानों सहित सफेद कपडे पहने दुनिया भर के लाखों मुस्लिम ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ जपते हुए सउदी अरब के मीना पहुंचने शुरु हो गए. इस साल 20 लाख से ज्यादा लोग हज करेंगे. इनमें से बहुत से हज यात्री कल रात ईशा की नमाज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 2, 2014 9:37 PM

मीना : हज के पहले चरण की आज हुई शुरुआत में भारतीय मुसलमानों सहित सफेद कपडे पहने दुनिया भर के लाखों मुस्लिम ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ जपते हुए सउदी अरब के मीना पहुंचने शुरु हो गए. इस साल 20 लाख से ज्यादा लोग हज करेंगे. इनमें से बहुत से हज यात्री कल रात ईशा की नमाज के बाद मीना की ओर रवाना हुए, जबकि कई अन्य आज सुबह फज्र की नमाज के बाद शहर के लिए निकले.

मीना पहुंचने वाले पहले समूह में करीब 1,36,000 भारतीय थे. इनके अलावा समूह में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी थे. जब समूहों में शामिल हज यात्रियों ने पवित्र शहर मक्का से मीना रवाना होना शुरु किया तो ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ (ए अल्लाह मैं हाजिर हूं) , और ‘अल्लाह हू अकबर’ (अल्लाह सबसे बडा है) की आवाजें माहौल में गूंज रही थीं. ज्यादातर हज यात्री मक्का से मीना तक की अपनी यात्रा बसों से कर रहे हैं, जिनका इंतजाम उनके लिए संबंधित हज मिशनों और सउदी सरकार ने किया था.

वहीं कुछ अन्यों ने पैदल ही यात्रा की. आधी रात तक मीना हज यात्रियों से भरा हुआ था. हज यात्री अपनी निर्धारित जगहों पर बैठने के बाद खुशियां बांटते हुए देखे गए. महावाणिज्यदूत बीएस मुबारक ने कहा, मीना में सभी भारतीय शिविरों का निरीक्षण किया गया और उनमें सारी व्यवस्था ठीक पायी गयी है. मीना रवाना होने से पहले सभी भारतीय हज यात्रियों को दिए एक संदेश में मुबारक ने कहा, सब्र रखें. पौष्टिक खाना खाएं. धूप में न जाएं. आपको आपकी शिविर संख्या और खंबा संख्या पता होनी चाहिए. कम सामान रखें और कुछ सूखे मेवे और फल अपने साथ रखें.

उन्होंने कहा, हमेशा छोटे समूह में जाएं और अगर आपको कोई परेशानी होती है तो हज मिशन से संपर्क करें. मक्का मदीना, जेद्दाह, रियाद, तैफ और दम्मम से हज यात्री आसानी से मीना पहुंच जाएं, इसके लिए सउदी सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं. मीना आना हज यात्रा का पहला पडाव माना जाता है. जब यात्री मीना रवाना हो रहे थे तो भावुक और उत्सुक थे. हज यात्री यहां पर दिन और रात में नमाजें अदा करेंगे और कल सुबह मैदान-ए-आराफात की ओर बढ जाएंगे. मैदान-ए-आराफात में कयाम करना (ठहरना) हज का सबसे बडा फर्ज है.

160 से ज्यादा देशों के हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए सउदी हुकूमत ने मक्का, मदीना, और अन्य पवित्र शहरों में 70,000 से ज्यादा अधिकारी तैनात किए हैं. आपात स्थिति में इस्तेमाल करने के लिए ‘ब्लैक हॉक’ हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है. इस साल बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद, सूडान के राष्ट्रपति उमर बशीर, सोमालिया के राष्ट्रपति हसन शेख महमूद और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामीन हज कर रहे हैं. हज यात्रा ईद-उल-अजहा के दिन कुर्बानी देने के बाद खत्म हो जाएगी. हज यात्रा इस्लाम की पांच बुनियादों में से एक है, जिसमें कहा गया है कि जो शख्स आर्थिक और शारीरिक तौर पर सक्षम है उसे जीवन में कम से कम एक बार हज करना चाहिए.

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