मदद करनेवालों को सभी याद रखते हैं

।। दक्षा वैदकर ।। पिछले दिनों हमारे ऑफिस के एक प्रिय साथी की विदाई पार्टी हमने आयोजित की थी. चूंकि वह साथी हम सभी के दिल के बहुत करीब था, इसलिए हमने तय किया कि इस पार्टी में ऑफिस के हम सभी साथी उसके लिए कुछ बातें कहेंगे. बारी-बारी से स्पीच देंगे. ऐसी बातें बतायेंगे, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 1, 2014 4:39 AM

।। दक्षा वैदकर ।।

पिछले दिनों हमारे ऑफिस के एक प्रिय साथी की विदाई पार्टी हमने आयोजित की थी. चूंकि वह साथी हम सभी के दिल के बहुत करीब था, इसलिए हमने तय किया कि इस पार्टी में ऑफिस के हम सभी साथी उसके लिए कुछ बातें कहेंगे. बारी-बारी से स्पीच देंगे. ऐसी बातें बतायेंगे, जो हमें उस साथी की याद दिलायेगी. उन गुणों का जिक्र करेंगे, जो उस साथी में हैं. जब पार्टी शुरू हुई, तो मैंने नोटिस किया कि हम सभी के पास उस साथी से जुड़े ऐसे ढेरों किस्से थे, जब उसने हम लोगों की मदद की थी.

किसी ने उसके सरप्राइज बर्थडे केक लाने की तारीफ की, तो किसी ने कहा कि वह उदास होने पर कभी भी अकेला नहीं छोड़ता था और हंसाने की लगातार कोशिश करता था. किसी ने कहा कि वह छुट्टी के दिन भी ऑफिस आ जाता था, जब उसे पता चलता कि कोई ऑफिस का साथी मुसीबत में है. तो किसी ने कहा कि वह काम को लेकर बहुत गंभीर है. दूसरों की भी काम में बहुत मदद करता है. सभी की भावनाएं देख कर, तारीफ सुन कर उस साथी की आंखें भर आयीं. उसने वादा किया कि वह अपने स्वभाव को कभी नहीं बदलेगा और आगे जिस भी कंपनी में ज्वॉइन करेगा, वहां भी लोगों से इसी तरह का व्यवहार रखने की पूरी कोशिश करेगा.

इस विदाई पार्टी से वहां मौजूद सभी लोगों ने यह सीख जरूर ली कि हम उन लोगों को कभी नहीं भूलते, जो हमारी मदद करते हैं. साथ ही हमें ऑफिस में सभी लोगों के साथ दिल से जुड़ना चाहिए, उनकी मदद करनी चाहिए. हमारा काम तो मायने रखता ही है, लेकिन सबसे ज्यादा यह बात मायने रखती है कि हम लोगों से किस तरह का व्यवहार करते हैं. जिस साथी को हमने विदाई दी, उसमें ये सारे गुण मौजूद थे. ऑफिस में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था, जिसके दिल में उसके प्रति किसी तरह की कोई नकारात्मक भावना हो. सभी उससे प्रेम करते हैं, क्योंकि उसने सभी के साथ बेहतरीन पल गुजारे. कोई उसके चाय का साथी था, तो कोई घर से साथ आने-जाने का साथी था. कोई उससे व्हॉट्सएप्प पर जोक्स के जरिये जुड़ा था, तो कोई उसकी ज्ञान की बातों से इम्प्रेस था.

बात पते की..

– ऑफिस में केवल उन्हीं लोगों से अच्छे-से बात न करें, जिनसे आपको कोई फायदा मिलता हो. हर किसी की मदद करें और दोस्त बनाते चले जाएं.

– लोगों को ऑब्जर्व करें. जानने की कोशिश करें कि सामनेवाले को कौन-सी चीज प्रिय है, कौन-सी बात परेशान करती है. उसमें उनकी मदद करें.

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