अच्छे कामों में खराबी निकालना बंद करें

।। दक्षा वैदकर ।। पिछले दिनों फिल्म स्टार अक्षय कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली. इसमें उनकी एक तसवीर थी, जिसमें वे सड़क पर खड़े थे और पास में खड़ी एक गाड़ी के ड्राइवर से कुछ कह रहे थे. अक्षय ने पोस्ट में उस सज्जन से माफी मांगते हुए लिखा कि ‘सॉरी, मेरा इरादा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 30, 2014 4:45 AM
।। दक्षा वैदकर ।।
पिछले दिनों फिल्म स्टार अक्षय कुमार ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली. इसमें उनकी एक तसवीर थी, जिसमें वे सड़क पर खड़े थे और पास में खड़ी एक गाड़ी के ड्राइवर से कुछ कह रहे थे. अक्षय ने पोस्ट में उस सज्जन से माफी मांगते हुए लिखा कि ‘सॉरी, मेरा इरादा आपके पास अचानक आ कर आपको डराने का नहीं था. मैं बस चाहता हूं कि हम सभी अपने शहर को साफ रखने में अपना योगदान दें.
ऐसा कुछ न करें, जिससे शहर की खूबसूरती बिगड़े.’ दरअसल, अक्षय ने अपनी गाड़ी के सामने चल रही उस गाड़ी में बैठे सज्जन को सिगरेट का खाली पैकेट सड़क पर फेंकते हुए देखा था. उन्होंने सिगनल आने पर अपनी गाड़ी रोकी और पैदल चल कर उस सज्जन को समझाने गये कि आइंदा ऐसा न करें. अक्षय ने जब यह पोस्ट किया, तो कई लोगों ने इस बात की तारीफ की, लेकिन कुछ लोगों ने यहां नेगेटिव कमेंट लिखना शुरू कर दिया. उन्होंने लिखा कि ऐसा अक्षय खुद को महान बताने के लिए कर रहे हैं. वह पब्लिसिटी चाहते हैं.
मुझे ऐसे कमेंट पढ़ कर बहुत बुरा लगा. आखिर हम क्यों किसी के कोई अच्छे काम की सराहना नहीं कर सकते? क्या दुनिया में सच में अच्छाई इस कदर खत्म हो गयी है कि कोई व्यक्ति अगर कुछ अच्छा कर दे, तो हम उसे नौटंकी कहने लगते हैं? हम कहते हैं कि अटेंशन पाने के लिए कर रहा है. हम क्यों किसी के काम को चालबाजी कहने लगते हैं. उस काम के पीछे के मकसद को बेवजह बनाते हैं.
यदि इसी तरह चलता रहा, तो लोगों के कमेंट के डर से ही लोग अच्छे काम करना बंद कर देंगे. लोगों की इच्छा होगी कि सड़क पर गिरे व्यक्ति की मदद करें, लेकिन वे नहीं करेंगे. वे बीच सड़क पर पड़े पत्थर को एक्सीडेंट हो जाने के डर से हटाना चाहेंगे, लेकिन सोचेंगे कि लोग बेवजह नौटंकी कहेंगे. बेहतर है कि हम अपने काम से मतलब रखें. लोगों का रिएक्ट करने का यह तरीका एक अलग तरह का समाज बना रहा है. ऐसा समाज, जो चाह कर भी कोई अच्छा काम नहीं करने वाला.
बात पते की..
– जब भी कोई व्यक्ति कुछ अच्छा काम करे, उसकी दिल खोल कर तारीफ करें, ताकि वह आगे भी अच्छा काम करते रहने के लिए प्रेरित हो.
– माना कि आप चालाक हैं, लोगों की चालबाजियां समझते हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर इंसान का अच्छे काम के पीछे कोई मकसद हो.

Next Article

Exit mobile version