तो तैरने वाले डायनासोर भी थे!

रीबेका मोरेली विज्ञान संवाददाता, बीबीसी वर्ल्ड सर्विस सहारा मरुस्थल में एक बड़ा जीवाश्म मिला है. इसे आकार में अब तक मिले कार्निवोरस डायनासोर स्पिनोसॉरस से बड़ा बताया जा रहा है. 950 लाख साल पुराने इस जीवाश्म से यह भी पता चला है कि यह तैरने वाला डायनासोर था. ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 17, 2014 12:27 PM

सहारा मरुस्थल में एक बड़ा जीवाश्म मिला है. इसे आकार में अब तक मिले कार्निवोरस डायनासोर स्पिनोसॉरस से बड़ा बताया जा रहा है.

950 लाख साल पुराने इस जीवाश्म से यह भी पता चला है कि यह तैरने वाला डायनासोर था.

‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवाश्म से पता चला है कि इस डायनासोर के नुकीले और तिरछे दांत थे.

गर्दन लंबी थी, घुमावदार पंजे और सिर मगरमच्छ की तरह था, जो इसे तैरने में मदद करता था.

शिकागो यूनिवर्सिटी के एक जीवाश्म विज्ञानी निज़ार इब्राहिम ने कहा, "यह वाकई में अनोखा डायनासोर है. इसके लिए किसी तरह की रूपरेखा नहीं है."

"इसकी गर्दन और पूंछ लंबी थी और पीठ पर लगभग दो मीटर ऊंची पाल थी. साथ ही मुंह का हिस्सा मगरमच्छ की तरह था."

पानी के जीव

उनके मुताबिक, "जब हम इसके शरीर का अनुपात देखते हैं तो यह ज़मीन पर पाए जाने वाले डायनासोर के मुक़ाबले काफ़ी बड़ा था"

"इसलिए मेरा मानना है कि यह अच्छा ख़ासा समय पानी में बिताता होगा."

हालाँकि प्राचीन जीवों में प्लेसियोसॉर और मोसासॉर भी पानी में रहते थे लेकिन वे समुद्री छिपकलियां थीं न कि डायनासोर.

स्पिनोसॉरस डायनासोर के जीवाश्म लगभग 100 साल पहले मिस्र में मिले थे और इसे जर्मनी के म्यूनिख संग्रहालय में रख दिया गया था.

हालाँकि दुर्भाग्यवश दूसरे विश्व युद्ध में संग्रहालय की इमारत पर हुई बमवारी के चलते वे नष्ट हो गए.

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