जब घर में आये पहला नन्हा मेहमान

आमतौर पर जब आप पहली बार अभिभावक बनते हैं, तो आपको नन्हें मेहमान की देखभाल से जुड़ी कई चीजों के बारे में न तो जानकारी होती है और न ही अनुभव. ऐसे में आप नये मेहमान के साथ-साथ खुद भी बच्चे जैसा बरताव करने लगते हैं. हां, यदि पहले से ही नन्हें मेहमान के स्वागत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 3, 2014 8:18 AM

आमतौर पर जब आप पहली बार अभिभावक बनते हैं, तो आपको नन्हें मेहमान की देखभाल से जुड़ी कई चीजों के बारे में न तो जानकारी होती है और न ही अनुभव. ऐसे में आप नये मेहमान के साथ-साथ खुद भी बच्चे जैसा बरताव करने लगते हैं. हां, यदि पहले से ही नन्हें मेहमान के स्वागत की तैयारी की जाये, तो आप बड़ी आसानी से उसकी देखभाल की जिम्मेवारी निभा सकते हैं.

त्न अत्यधिक तनाव न लें : आमतौर पर पहली बार माता-पिता बनने पर लोग हर छोटी-छोटी बात को लेकर तनाव में रहने लगते हैं. बच्चा इतना क्यों रो रहा है, बच्चा खा क्यों नहीं रहा, वह सो क्यों रहा.. ऐसी बातों से बचने की कोशिश करें. यह आम बातें हैं और बच्चे शुरुआत में ऐसी हरकतें करते ही हैं.

त्न दोस्तों से केवल बच्चे के बारे में ही बातें न करें : यह सच है कि बच्चा एक बड़ी जिम्मेवारी है, लेकिन अगर आप हर वक्त अपने दोस्तों से अपने बच्चे के बारे में ही बात करेंगे, तो आपके दोस्त धीरे-धीरे आपसे दूर होते चले जायेंगे. सो, इस बात का ध्यान रखें कि दोस्तों से बहुत ज्यादा बच्चे के बारे में बातें न करें.

त्न आपस में सामंजस्य : बच्चे की जिम्मेवारी मां और पिता दोनों पर है. एक दूसरे पर जिम्मेवारी को न थोपें. दोनों आपस में सामंजस्य बिठा कर चलें. चूंकि आप दोनों के लिए यह पहला अनुभव है. सो, जरूरी है कि आप दोनों आपस में तय करें कि किसे क्या करना है. बच्चे को पालना किसी बोझ की तरह न लें.

त्न अपने रिश्तों को भी समय दें : आमतौर पर देखा गया है कि बच्चे के आने के बाद आपकी जिंदगी से रोमांस खत्म हो जाता है. आप सिर्फ बच्चे में ही उलझ कर रह जाते हैं. सो, ऐसे में आप देखें कि आप एक-दूसरे के साथ कितना वक्त बिता पा रहे हैं. खुद को भी समय दें और अपने रिश्ते में रोमांस को बरकरार रखें.

फैशन के चक्कर में बजट न बिगाड़ें : कई बार अति उत्साह की वजह से आप बच्चों को वे चीजें भी शुरुआत से ही देने लगते हैं, जिन चीजों की उन्हें जरूरत ही नहीं होती. यह फिजूलखर्ची है. वैसे भी बच्चे की परवरिश में काफी खर्च होता है. चूंकि आप दूसरे के बच्चों को देख रहे हैं कि वे फलां चीजें इस्तेमाल करते हैं, तो आप भी फैशन के चक्कर में लुभावनी चीजें खरीद कर न तो बच्चों को बिगाड़ें और न ही अपने बजट को.

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